आप मांगलिक हैं तो मात्र 10 उपाय से होगा मंगल दोष दूर ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 9415087711 8840727096 मंगल का परिचय : मेष व वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल मकर में उच्च का और कर्क में नीच का माना गया है। सूर्य और बुध मिलकर मंगल नेक बन जाते हैं, सूर्य और शनि मिलकर मंगल बद बन जाते हैं। गुरु मित्र के साथ बलवान बन जाते हैं। राशि प्रथम भाव है और बुध और केतु शत्रु। शुक्र, शनि और राहु सम। मंगल के साथ शनि अर्थात राहू। नेक मंगल हनुमानजी और बद मंगल वीरभद्र या जिन्न की तरह होते हैं। मांगलिक दोष : किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में है तो यह 'मांगलिक दोष' कहलाता है। कुछ विद्वान इस दोष को तीनों लग्न अर्थात लग्न के अतिरिक्त चंद्र लग्न, सूर्य लग्न और शुक्र से भी देखते हैं। मान्यता अनुसार 'मांगलिक दोष' वाले जातक की पूजा वर अथवा कन्या का विवाह किसी 'मांगलिक दोष' वाले जातक से ही होना आवश्यक है। उपाय 1.प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए। 2.सफेद सुरमा 43 दिन तक लगाना चाहिए। 3.नीम के पेड़ की पूजा करना चाहिए। 4.गुड़ खाना और खिलाना चाहिए। 5.क्रोध पर काबू और चरित्र को उत्तम रखना चाहिए। 6.मांस और मदिरा से दूर रहें। 7.भाई-बहन और पत्नी से संबंध अच्छे रखें। 8.पेट और खून को साफ रखें। 9.मंगलनाथ उज्जैन में भात पूजा कराएं। 10.विवाह नहीं हुआ है तो पहले कुंभ विवाह करें। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव 9415087711 8840727096 Astroexpertsolution.com Astrovinayakam.com