ॐ अमावस्या की रात को कुछ तांत्रिकीय टोटके करके भी अपनी समस्याओं से कुछ हद तक छुटकारा पाया जा सकता है। अमावस्या की रात को जब आसमान में चन्द्रमा नहीं होता है और चारों ओर घना अँधेरा होता है, वह रात तांत्रिक और टोटकों के लिए काफी उत्तम बताई जाती है. इस रात को कुछ ख़ास कार्य करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 यहाँ बताये जा रहे है अमावस्या की रात के टोटके, जो एक ही रात में आपका भाग्य बदल सकते हैं- ॐ। अमावस्याकीरातकियेजानेवालेटोटक ॐ किसी कुएं में अगर आप हर अमावस्या को एक चम्मच दूध डालते रहते हैं तो इससे आपके जीवन में सभी दुःख खत्म होने लगते हैं। ॐ यदि आपकी किस्मत में धन नहीं आ पा रहा है तो आप अमावस्या की रात एक पानी का नारियल लीजिये और उसके पांच बराबर टुकड़े कर लीजिये. इन टुकड़ों को शिव की किसी तस्वीर के सामने शाम के समय रख दीजिये और अपनी समस्या शिव को बतायें. ध्यान रहे इस उपाय से किसी का बुरा करने की बिलकुल ना सोचें और रात के समय इन नारियल को खिड़की पर रख दें. सुबह उठते ही इन नारियल को घर से दूर कहीं रख आयें. आपको धन संबंधी लाभ मिलेगा। ॐ महीने की शुरुआत में आप एक लाल धागा अपने गले में पहन लें. ध्यान रहे कि इसमें कोई भी ताबीज ना हो. इस धागे को महीनेभर गले में रखें और अमावस्या की रात के समय कहीं सुनसान जगह पर एक गड्ढा खोदकर दबा दें. आपकी सारी परेशानी दूर होने लगेंगी. ऐसा हर माह करें। ॐ अमावस्या की रात को आप अगर आप काले कुत्ते को तेल की रोटी खिलाते हैं और वह कुत्ता उसी समय यह रोटी खा लेता है तो इससे आपके सभी दुश्मन उसी समय से शांत होना शुरू हो जाते हैं। ॐ आप अगर काफी दिनों से बेरोजगार हैं तो अमावस्या की रात को एक उपाय कीजिये कि एक नीम्बू को सुबह से घर के मंदिर में साफ करके रख दें. इसके बाद इसे अपने सर से सात बार उतारकर, चार बराबर भागों में काट लें और रात के समय चौराहे पर जाकर, चारों दिशाओं में इसको फ़ेंक दें. आपकी बेरोजगारी दूर होगी। ॐ अमावस्या के दिन आप मछलियों को आटे की गोलियां जरूर खिलायें. इससे आपके कष्ट खत्म होने लगेंगे। ॐ अमावस्या की रात को बहते नदी के पानी में पांच लाल फूल और पांच जलते हुए दिए छोड़ने से धन का लाभ प्राप्त होता है। ॐ अगर आप अमावस्या की रात को मंदिर बंद करने से पहले एक घी का दीया जलायें और पांच अगरबती जलाएं. आपको लाभ मिलेगा। ॐ अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष की 108 परिक्रमा करके विधिवत पूजन करने के पश्चात ब्राह्मणों तथा गरीब असहाय लोगों को यथा शक्ति दान देने से सभी प्रकार की परेशानियों का शमन होता है तथा सुख शांती की प्राप्ति होती है इसमें कोई संशय नहीं है.