जीवन में इस तरह की आदतें डालने से जीवन कष्टमय हो जाता है अतः इन चीजों से जरुर बचना चाहिए ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 9415087711 Parijat apartment near Avadh bus adda Faizabad Road Lucknow Astroexpertsolution.com Astrovinayakam.com गंदा बाथरूम नहाने या अन्य क्रियाओं के बाद बाथरूम को गंदा छोड़ देने की आदत या फिर बाथरूम में गंदे कपड़े फैलाने की आदत जन्मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति को कमजोर बनाती है। इस आदत की वजह से कॅरियर में नुकसान उठाना पड़ सकता है पैर जमीन पर घसीटकर चलना चलते वक्त पैर जमीन पर घसीटना बुरी आदत मानी जाती है। जिन लोगों में ये आदत होती है उनके भाग्य पर इसका असर पड़ता है। माना जाता है कि जिस तरह पैर घसीटकर चलने में धूल साथ आती है उसी तरह भाग्य पर भी धूल जम जाती है। ये आदत जिंदगी पर राहु के बुरे प्रभाव को दर्शाती है। टेबल पर गंदे बर्तन छोड़ना कई लोगों में खाना खाने के बाद अपने बर्तन गंदे ही टेबल पर छोड़ने की आदत होती है। ऐसे लोग दूसरों का इंतजार करते हैं कि वो उनके बर्तन उठाकर साफ करें। ये आदत बताती है कि व्यक्ति मेहनत करने से भागता है और भविष्य में सफलता पाने के लिए कोशिश भी नहीं करता। खाना खाने के बाद जगह को साफ करना और अपने बर्तन वहां से हटाना शनि और चंद्र दोष को दूर करता है। चेहरा और हाथ गंदे रखना पूरा दिन बाहर बिताने के बाद जब आप वापस घर पहुंचते हैं तो सबसे पहले अपने हाथ-पैर और चेहरा साफ करना चाहिए। यह सिर्फ साफ-सफाई के लिए नहीं होता बल्कि इससे आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म हो जाती है... पूजाघर की सफाई घर की वो जगह जहां भगवान स्थापित हों या फिर जहां भी आप पूजा करते हों उसे हर दिन साफ करना बहुत जरूरी है। ये वो स्थान होता है जहां से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। भगवान की मूर्ति को गंदी जगह पर रखने से जन्मकुंडली में ग्रहों पर प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से आर्थिक, शैक्षणिक और पारिवारिक जीवन पर बुरा असर पड़ता है। रात में देरी से सोना प्राचीन भारतीय सभ्यता में कहा जाता था कि रात को जब चंद्रमा अपनी पूरी चमक पर हो तब नींद लेनी चाहिए। चंद्रमा की रोशनी हमारे शरीर और मस्तिष्क को शांति प्रदान करती है। इस दौरान सोने से जिंदगी की कई परेशानियों का हल मिलता है अतिथियों को ठंडा पानी देना जब कोई आपके घर में आता है तो वो अपने साथ अपनी ऊर्जा भी साथ लाता है जो घर में आने के बाद आपकी ऊर्जा से टकराती है। घर में आए मेहमान को अगर आप ठंडा पानी देते हैं तो पानी की ठंडक उसकी ऊर्जा को शांत करता जूते-चप्पलों को फैलाना घर में जूते-चप्पलों को इधर उधर फैलाने की आदत दुश्मनों की संख्या में इजाफा करती है। शास्त्रों के मुताबिक अपने जूते-चप्पलों को फैलाना सामाजिक रूप से खुद को कमजोर करना माना जाता है। अस्त-व्यस्त रसोईघर अगर किसी का रसोईघर गंदा और अस्त-व्यस्त है तो इससे कुंडली में मंगल का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिनकी कुंडली में मंगलदोष है वो अपना रसोईघर हमेशा साफ रखें और माता अन्नपूर्णा की पूजा के लिए अलग स्थान जरूर बनाएं। रोज पेड़ों को पानी देना प्रतिदिन पेड़ों को पानी देना एक अच्छी आदत मानी गई है। जो लोग रोजाना पेड़ों को पानी देते हैं उनके परिवार और प्यार संबंधी रिश्तों में कभी भी कोई दिक्कत नहीं आती। पेड़ों को पानी देने की आदत की वजह से कुंडली में चंद्र, सूर्य, शुक्र और बुध का असुंतलित व्यवहार समाप्त होता है। बिस्तर गंदा रखना बिस्तर पर बिछी चादर को वक्त-वक्त पर बदलना और उसकी जगह नई साफ चादर बिछाना एक अच्छी आदत मानी गई है लेकिन अगर कोई कई दिनों तक एक ही चादर पर सोता हो और कभी भी नींद से जागने के बाद अपना बिस्तर ठीक ना करता हो तो उसे अपनी जिंदगी में अचानक आने वाली मुश्किलों का सामना करना पड़ता तेज आवाज में बोलना जो लोग अपनी असली आवाज में बोलने की जगह तेज आवाज में बात करते हैं, यह उनकी कुंडली में शनि के गलत प्रभाव की ओर इशारा करता है। ऐसे लोगों से शनि नाराज हो जाते हैं। जिंदगी भर आप जो रिश्ते निभाते आए हैं उनपर भी इसका असर पड़ता है। गंदे पैर कुछ लोग साफ-सफाई पर कम ही ध्यान देते हैं खासकर पैरों की सफाई को, लेकिन यह आदत बहुत खराब मानी जाती है। पैर शरीर का वो खास अंग होता है जो शरीर का सारा भार उठाता है... बड़ों का अनादर करना बड़े बुजुर्ग घर के सबसे मजबूत स्तंभ माने जाते हैं, इनकी मौजूदगी ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। बुजुर्गों का अनादर करने से घर में वैभव की कमी होती है। ऐसा करना व्यक्ति के कॅरियर, उसकी सामाजिक छवि और यहां तक कि पूरे परिवार को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाती है। थूकते जो लोग घर, दफ्तर या प्राकृतिक जगहों पर थूकते हैं वो वास्तव में अपनी सफलता, सामाजिक आदर और वैभव को थूक देते हैं। ये आदत देवी लक्ष्मी का अपमान मानी जाती है। ड्रग्स और शराब की आदत मदिरापान और ड्रग्स के सेवन की आदत राहु के नकारात्मक प्रभाव का कारण बनती है जो कि तनाव और माइग्रेन की वजह बनती है। ऐसे लोग भले ही कितनी भी कड़ी मेहनत कर लें लेकिन उस मेहनत से मिलने वाली खुशी इन्हें कभी-कभी ही मिल पाती है।