हनुमान जी की पूजा करते हैं तो यह आलेख जरूर पढ़ें,(10 सावधानियां) Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 हनुमान जी की आराधना से ग्रहों का दोष शांत हो जाता है। हनुमान जी और सूर्यदेव एक दूसरे के स्वरूप हैं, इनकी परस्पर मैत्री अति प्रबल मानी गई है। इसलिए हनुमान साधना करने वाले साधकों में सूर्य तत्व अर्थात आत्मविश्वास, ओज, तेजस्विता आदि स्वत: ही आ जाते हैं। लेकिन ध्यान रखें यह 10 बातें... * हनुमान साधना में शुद्धता एवं पवित्रता अनिवार्य है। * प्रसाद शुद्ध घी का बना होना चाहिए। * हनुमान जी को तिल के तेल में मिले हुए सिंदूर का लेपन करना चाहिए। * हनुमान जी को केसर के साथ घिसा लाल चंदन लगाना चाहिए। * पुष्पों में लाल, पीले बड़े फूल अर्पित करने चाहिए। कमल, गेंदे, सूर्यमुखी के फूल अर्पित करने पर हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। * नैवेद्य में प्रातः पूजन में गुड़, नारियल का गोला और लड्डू, दोपहर में गुड़, घी और गेहूं की रोटी का चूरमा अर्पित करना चाहिए। रात्रि में आम, अमरूद, केला आदि फलों का प्रसाद अर्पित करें। * साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन अति अनिवार्य है। * जो नैवेद्य हनुमान जी को अर्पित किया जाता है उसे साधक को ग्रहण करना चाहिए। * मंत्र जप बोलकर किए जा सकते हैं। हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष उनके नेत्रों की ओर देखते हुए मंत्रों के जप करें। * साधना में दो प्रकार की मालाओं का प्रयोग किया जाता है। सात्विक कार्य से संबंधित साधना में रुद्राक्ष माला तथा तामसी एवं पराक्रमी कार्यों के लिए मूंगे की माला astroexpertsolution.com *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 9415 087 711 92 357 22996