गुरु का तारा 13 फरवरी को होगा उदय, जानिए खास बात ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 9415087711 Parijat apartment near Shaheed path AVN Avadh bus station Faizabad Road Lucknow Astroexpertsolution.com Astrovinayakam.com हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है, वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है, जब शुभ कार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य, जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहारंभ व गृह प्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं। शुभ एवं मांगलिक मुहूर्त के निर्धारण में गुरु के तारे का उदित स्वरूप में होना बहुत आवश्यक है। गुरु के तारे के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों के मुहूर्त नहीं बनते। जनवरी संवत् 2077 पौष शुक्ल पक्ष चतुर्थी दिन रविवार, दिनांक 17 जनवरी 2021 को गुरु का तारा पश्चिम दिशा में अस्त हो गया, जो अब माघ शुक्ल पक्ष द्वितीया दिनांक 13 फरवरी 2021, दिन शनिवार को उदित होगा। 'त्रिबलशुद्धि' में है गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका हमारे शास्त्रों में विवाह हेतु शुद्ध लग्न के चयन व निर्धारण में 'त्रिबलशुद्धि' को अतिमहत्वपूर्ण माना गया है। गुरु, सूर्य व चंद्र के शुभ गोचर को 'त्रिबलशुद्धि' कहा जाता है। 'त्रिबलशुद्धि' को लोकाचार की भाषा में 'लाल पूजा' व 'पीली पूजा' के नाम से भी जाना जाता है। यदि विवाह लग्न के चयन में 'त्रिबलशुद्धि' नहीं मिलती तो शास्त्रानुसार विवाह करना वर्जित माना जाता है। उधर गुरु के तारे के उदित होते ही शुक्र का तारा अस्त होगा और शादी के लिए शुक्र तारे का उदित होना भी अनिवार्य है। संवत 2077 माघ शुक्ल तृतीया दिनांक 14 फरवरी 2021 दिन रविवार को शुक्र का तारा अस्त होगा जो संवत 2078 चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी दिनांक 18 अप्रैल 2021 दिन रविवार को उदित होगा। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 9415087711 Astroexpertsolution.com Astrovinayakam.com