9 फरवरी को 7 ग्रहों का होगा मिलन, देश, दुनिया और समाज पर क्या होगा असर ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 9415087711 Parijat apartment near Avadh bus adda Faizabad Road Lucknow Astroexpertsolution.com Astrovinayakam.com ग्रह नक्षत्रों के हिसाब से फरवरी का महीना बेहद खास है। ग्रह नक्षत्रों के हिसाब से फरवरी का महीना बेहद खास है। कई वर्षों बाद पांच से ज्यादा ग्रहों का एक ही राशि में मिलन होगा। 9 फरवरी को चंद्रमा मकर राशि में प्रवेश करने जा रहा है। सूर्य, गुरु, शुक्र, शनि और प्लूटो ग्रह पहले से मकर राशि में विराजमान हैं। 4 फरवरी को बुध मकर राशि में प्रवेश Kar gaye hain। ऐसे में 9 फरवरी को चंद्रमा के प्रवेश के बाद ये सप्त ग्रहों के मिलन होगा जो देश दुनिया सात सितारों का मिलन 9 फरवरी को रात 8 बजकर 31 मिनट पर चंद्रमा के प्रवेश के साथ बनेगा। ये सप्तग्रही योग दुनियाभर पर अपना प्रभाव छोड़ेगा। तमाम देशों के बीच आपसी तनाव की स्थिति हो सकती है। प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति बनेगी। यहां तक कि विश्वयुद्ध के हालात भी बन सकते हैं। भारत पर विशेष प्रभाव भारत की वृष लग्न की कुंडली है। इस कुंडली के तीसरे भाव यानी कर्क राशि पहले से ही पांच ग्रह सूर्य, बुध, शुक्र, शनि और चंद्र बैठे हुए हैं। अब ये योग मकर राशि में बनेगा। इनका आपस में दृष्टि संबंध होगा और इस पर राहु की नजर होगी। ऐसे में ये योग भारत को विशेष रूप से प्रभावित करेगा। जनमानस के बीच तनावपूर्ण स्थिति हो सकती है। राजनैतिक उपद्रव हो सकते हैं। दुर्घटनाओं का सिलसिला बढ़ सकता है और महंगाई बढ़ेगी। हालांकि इस दौरान भारत का वर्चस्व भी दुनियाभर में बढ़ेगा और पराक्रम भी बढ़ेगा। यदि दुनिया के तमाम देशों के बीच होने वाली बैठकों में भारत विशेष भूमिका निभाएगा। जब भी पांच या अधिक ग्रह एक साथ एक ही राशि में होते हैं, तब देश दुनिया में बड़े सामाजिक और राजनीतिक बदलाव देखने को मिलते हैं। कभी-कभी बड़े युद्ध की स्थिति भी बन जाती है, जैसे फरवरी 1962 में सातों ग्रहों की युति होने पर भारत और चीन के बीच युद्ध छिड़ गया था। उस समय विश्व राजनीति दो खेमों में बंट गई थी जिसका असर दशकों तक देखने को मिला। 9 फरवरी को हो रहे इस सप्तग्रही मिलन के राजनीतिक सामाजिक प्रभाव सम्पूर्ण विश्व में देखने को मिलेंगे। इस युति का नकारात्मक प्रभाव विश्व में अशांति के रूप में दिखाई दे सकता है। अमेरिका के वर्चस्व में कमी होगी, वहीं रूस, जापान, कोरिया और यूरोपीय देशों का प्रभुत्व बढ़ेगा। पाकिस्तान, चीन, नेपाल में शीत युद्ध की स्थिति बनेगी। भारत के लिए भी ये युति शुभ और अशुभ दोनों परिणाम ला सकती है। आंतरिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। सांप्रदायिक उपद्रव के कारण अशांति की संभावना है और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में तनाव हो सकते हैं। कुछ सरकारी नीतियों के कारण भी अशांति बनेगी लेकिन बाहरी मामलों में लाभ मिलेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 9415087711 Astroexpertsolution.com Astrovinayakam.com