रिश्तों से ग्रहों को कैसे करें मजबूत, रोचक है यह आलेख Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra फ़्लैट सo A 3/ 7 0 2 पारिजात अपार्टमेंट , विक्रांत खण्ड शहीदपथ , अवधबस स्टेशन के समीप Mob - 9415 087 711 Mob- 923 5722 996 🙏🙏 का कहना है ग्रह नक्षत्र हमारे आपसी रिश्ते-नाते पर क्या प्रभाव डालते हैं, इस संबंध में लाल किताब में बहुत कुछ लिखा हुआ है। लाल किताब अनुसार प्रत्येक ग्रह हमारे एक रिश्तेदार से जुड़ा हुआ है अर्थात् कुंडली में जो भी ग्रह जहां भी स्थित है तो उस खाने अनुसार वह हमारे रिश्तेदार की स्थिति बताता है। 1.सूर्य : पिता, ताऊ और पूर्वज। 2.चंद्र : माता और मौसी। 3.मंगल : भाई और मित्र। 4.बुध : बहन, बुआ, बेटी, साली और ननिहाल पक्ष। 5.गुरु : पिता, दादा, गुरु, देवता। स्त्री की कुंडली में इसे पति का प्रतिनिधित्व प्राप्त है। 6.शुक्र : पत्नी या स्त्री। 7.शनि : काका, मामा, सेवक और नौकर। 8.राहु : साला और ससुर। राहु को दादा का प्रतिनि‍धित्व प्राप्त है। 9.केतु : संतान और बच्चे। केतु को नाना का प्रतिनिधि भी माना जाता है। लाल किताब रिश्तेदारों की स्थिति जानकर भी ग्रहों की स्थिति जान सकता है। ग्रहों को सुधारने के लिए रिश्तों को सुधारने की बात कही जाती है अर्थात् अपने रिश्ते प्रगाढ़ करें। अंतत: यह माना जा सकता है कि कुंडली का प्रत्येक भाव किसी न किसी रिश्ते का प्रतिनिधित्व करता है तथा प्रत्येक ग्रह मानवीय रिश्तों से संबंध रखता है। यदि कुंडली में कोई ग्रह कमजोर हो तो उस ग्रह से संबंधित रिश्तों को मजबूत करके भी ग्रह को दुरुस्त किया जा सकता है। दूसरी ओर ग्रहों को मजबूत करके भी किसी रिश्तों को मजबूत तो किया ही जा सकता है। साथ ही वे रिश्तेदार भी खुशहाल हो सकते हैं, जैसे कि बहन को किसी भी प्रकार का दुख-दर्द है तो आप अपने बुध ग्रह को दुरुस्त करने का उपाय करें। *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर एवं वेद राज कंपलेक्स पुराना आरटीओ चौराहा लाटूश रोड लखनऊ 94 150 87711 923 5722 996 astroexpertsolution.com