मकर संक्रांति महत्व
Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra
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मकर संक्रांति 14 जनवरी 2021 को मनाए जाने का कारण यह है कि, इस वर्ष ग्रहों के राजा सूर्य का मकर राशि में प्रवेश गुरुवार 14 जनवरी 2021 को प्रातः 8 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है। गुरुवार को संक्रांति होने की वजह से यह "नंदा" और नक्षत्रानुसार "महोदरी संक्रांति"मानी जाएगी, जो समस्त प्रजाजनों के लिए लाभप्रद और शुभ रहेगी। शास्त्रों का मत है कि, संक्रांति के 6 घंटे 24 मिनट पहले से पुण्य काल का आरंभ हो जात है। इसलिए इस वर्ष ब्रह्म मुहूर्त से संक्रांति का स्नान दान पुण्य किया जा सकेगा। इस दिन Sayam 6 बजकर 38 मिनट तक का समय संक्रांति से संबंधित धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम रहेगा। वैसे पूरे दिन भी स्नान दान किया जा सकता है।
मकर संक्रांति पर किये गये जप, तप, स्नान, दान का अत्यंत शुभ फल माना जाता है। इस पर्व पर तीर्थस्नान और तीर्थस्थल में दान का अत्याधिक महत्व है। "इस वर्ष मकर संक्रांति से हरिद्वार में कुम्भ महापर्व का आरम्भ हो रहा है।"
उपासक "श्री आदित्य हृदय स्तोत्र"का पठन कर सकते है, श्री गायत्री मंत्र, श्री महामृत्युंजय मंत्र, इष्ट मंत्र/नाम मंत्र आदि का जप, हवन भी कर सकते है।
मकर संक्रांति को सूर्य के मकर राशि में आने से खरमास समाप्त हो जाएगा। परन्तु इस बार खरमास समाप्त होने पर भी विवाह और दूसरे शुभ कार्य का आयोजन नहीं किया जा सकेगा। इसकी कारण यह है कि, मकर संक्रांति के 3 दिन बाद ही गुरु अस्त हो जा रहे हैं। गुरु तारा अस्त होने से विवाह आदि धार्मिक कार्यों पर 14 फरवरी तक विराम लगा रहेगा।
इस बार मकर संक्रांति के दिन विशेषता यह है कि, सूर्य के पुत्र शनि स्वयं अपने घर मकर राशि में गुरु महाराज बृहस्पति और ग्रहों के राजकुमार बुध एवं नक्षत्रपति चंद्रमा को साथ लेकर सूर्यदेव का मकर राशि में स्वागत करेंगे। यह एक पंचग्रही योग है, जो मकर राशी में बनेगा। ग्रहों का ऐसा संयोग बहुत ही दुर्लभ माना जाता है क्योंकि ग्रहों के इस संयोग में स्वयं ग्रहों के राजा, गुरु, राजकुमार, न्यायाधीश और नक्षत्रपति साथ रहेंगे। सूर्य का प्रवेश श्रवण नक्षत्र में होगा, जिससे 🚩"ध्वज"🚩 नामक शुभ योग बनेगा। इस दिन घर के छत पर ध्वज स्थापना करें।
ग्रहों के राजा सूर्य सिंह पर सवार होकर मकर में संक्रमण करेंगे। ऐसे में राजनीति में सत्ता पक्ष का प्रभाव बढ़ेगा और देश में राजनीतिक उथल-पुथल, कुछ स्थानों पर सत्ता में फेरबदल भी हो सकता है।
राष्ट्र सक्षम बनेगा। विश्व जगत में भारतवर्ष की पैठ बढ़ेगी।
मकर, मीन, वृष, कर्क, कन्या और तुला राशी से सम्बन्धित जातकों के लिये विशेषरूप से यह शुभ और उन्नतिशील समय होगा।
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