जय श्री काशी विश्वनाथ👏👏👏Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 👏👏॥ॐआदित्याय नम: ==पौष मासे संक्रांति फल --: श्लोकः -: पौष मासेsर्क संक्रांतिः सर्व सौख्यं जनस्य च । आनंदःसर्वलोकानां मंगलानि गृहे-गृहे ।। भावार्थ-: पौष मास में संक्रांति होने से संसार में सब प्रकार से मंगल होगा । ==================== ::::: मकर संक्रांति राशि फल ** मतान्तर से [१] मेष राशि वालों के लिए-कलह इष्ट सिद्धि [२] वृष राशि वालों के लिए-ज्ञान वृद्धि धर्म लाभ [३]मिथुन राशि वालों के लिए-यश कष्ट [४]कर्क राशि वालों के लिए-सम्मान सम्मान [५]सिंह राशि वालों के लिए-भय भय [६] कन्या राशि वालों के लिए-धर्म लाभ ज्ञान वृद्धि [७]तुला राशि वालों के लिए-सिद्धि कलह [८] वृश्चिक राशि वालों के लिए-जय लाभ लाभ [९] धनु राशि वालों के लिए-हानि सन्तोष [१०]मकर राशि वालों के लिए-शुभ धनलाभ [११]कुम्भ राशि वालों के लिए-सन्तोष हानि [१२]मीन राशि वालों के लिए-धनलाभ लाभ विशेष--: शास्त्र सम्मत व धर्म सिन्धु निर्णय सिन्धु एवं अन्य लेखों के अनुसार मकर संक्रांति का प्रवेश प्रातः ८बजकर १३मिनट से प्रारम्भ होकर पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा। इस समय में स्नान दान तिलदान वस्त्र दान कम्बल आदि का दान यथा शक्ति करना चाहिए। रात्रि में स्नान तीर्थों में वर्जित बताया गया है किन्तु ग्रहण संक्रांति आदि में वर्जित नहीं। तीर्थों में पुण्य का विशेष महत्व होता है व पापाचार करने वालों की दुर्गति व विष्ठा के कीड़े बनते हैं। शास्त्र वचन- अन्य क्षेत्रे कृतं पापं तीर्थ क्षेत्रे विनश्यति। तीर्थ क्षेत्रे कृतं पापं वज्र लेपो भविष्यति। ।