गणेश जी के साथ मां लक्ष्मी की ही पूजा क्यों होती है? मां लक्ष्मी की पूजा के पीछे क्या कारण है? Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 941 508 77 11923 57 22996 मां लक्ष्मी धन की देवी हैं, यह हम सभी जानते हैं। मां लक्ष्मी की कृपा से ही ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। इसी प्रकार गणपति को बुद्धि के देवता कहा गया है। हिंदू धर्म में कोई पूजा और कर्मकांड गणपति की पूजा के बिना शुरू नहीं किया जाता। साथ ही धन देवी की पूजा से समृद्धि का आशीर्वाद मिलने के बाद व्यक्ति को सद्बुद्धि की आवश्यकता होती है। ताकि वह धन का उपयोग सही कार्यों के लिए करे। इसी प्रार्थना के साथ गणपति की पूजी की जाती है कि हे प्रथम पूजनीय गणपति हमें सद्बुद्धि प्रदान कर सन्मार्ग पर आगे बढ़ने का वरदान दें। इसी संबंध में एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार देवी लक्ष्मी को अपने पर अहंकार हो गया की सारा जगत उनको पाने के लिए दिन रात उनकी आराधना करता है। देवी लक्ष्मी के मन की बात को भगवान विष्णु समझ गए और उन्होंने माता लक्ष्मी का घमण्ड व अहंकार को दूर करने के लिए उनसे कहा कि देवी भले ही सारा संसार आपकी पूजा करता है और आपको पाने के लिए व्याकुल रहता है लेकिन आपमें एक बहुत बड़ी कमी है। आप अभी तक अपूर्ण हैं। जब माता लक्ष्मी ने अपनी उस कमी को जानना चाहा तो विष्णु जी ने उनसे कहा कि जब तक कोई स्त्री मां नहीं बनती तब तक वह पूर्ण नहीं होती और आप नि:सन्तान होने के कारण अपूर्ण है। यह जानकर माता लक्ष्मी को बहुत दु:ख हुआ। उन्होंने अपनी सखी पार्वती को अपनी पीड़ा बताई और उनसे उनके दो पुत्रों में से गणेश को उन्हें गोद देने को कहा। माता लक्ष्मी का दु:ख दूर करने के उद्देश्य से पार्वती जी ने अपने पुत्र गणेश को उन्हें गोद दे दिया। तभी से भगवान गणेश माता लक्ष्मी के 'दत्तक-पुत्र' माने जाने लगे। गणेश को पुत्र रूप में पाकर माता लक्ष्मी अतिप्रसन्न हुईं और उन्होंने गणेश जी को यह वरदान दिया कि जो भी मेरी पूजा के साथ तुम्हारी पूजा नहीं करेगा मैं उसके पास नहीं रहूंगी। इसलिए सदैव लक्ष्मी जी के साथ उनके 'दत्तक-पुत्र' भगवान गणेश की पूजा की जाती है। 🐚🐚🌷🌷जय मां लक्ष्मी🌷🌷🐚🐚