*दूब घास के चमत्कारी गुण*
🙏🏻 Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 923 5722 996
आज आप को जीव के जीवन मे दूब घास का महत्व बताने की चेष्ठा कर रहे है
जिन भी बंधुओं ने सनातनधर्म की संस्कृति के परिवार में जन्म लिया है उसने पूजा की थाली में दूब घास के दर्शन अवश्य ही किये होंगे और आमजन ने इसको गाय-भैंस को खाते देखा ही होगा।
मित्रों आदि काल मे हमारे जो भी ऋषि-मुनि होते थे वह सब बहुत ही उच्यकोटि के वैज्ञानिक ही हुआ करते थे।
कोई भाषाओ का वैज्ञानिक,कोई शिल्पकला का कोई अस्त्र-शस्त्र का और कोई ओषधि-विज्ञान का।
उन ही ऋषियों ने दूब घास के जीवनुपयोगी गुण खोजे और इसका महत्व हम लोग भूल न जायें इस कारण हमारी पूजा की थाली में इसको अनिवार्य करा दिया कि यह प्रथमपूज्य देव *श्री-गणेश जी* को समर्पित है🙏🏻🙂
इसका वैज्ञानिक नाम:- Cynodon-Dactylon है।
*दूब घास के ओषधीय गुण*
1:- जीव को त्वचा रोग नही होने देती।
2:- जिन लोगो को नक्सीर(अचानक नाक से खून आना)हो जाती है उनको यह रामबाण है।
3:- नेत्रों की ज्योति को सामान्य रखने में सहायक है,अर्थात चश्मा भी हटवा देती है।
4:- मुँह में हो जाने वाले छालो को दूर करने में सहायक है।
5:- पाचनतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है।
6:- अल्सर नही होने देती।
7:- जीव के शरीर मे नवीन रक्त बनाकर एनीमिया से बाहर लाने में सहायक है।
8:- अर्श(बवासीर)रोग से बचाने में सहायक है।
9:- स्त्रियों के प्रमुख रोग श्वेतप्रदर(लिकोरिया)से बचाब में सहायक है।
10:- स्तनपान कराती माताओं के शरीर मे सभी हार्मोन्स का संतुलन बनाने में सहायक है।
11:- पेट के कई गम्भीर रोगों को सहज ही दूर कर देती है।
12:- *मधुमेह* के रोगी को नया जीवन देने की पूरी सामर्थ्य रखती है।
13:- कफ,खाँसी और सर्दी के प्रभाव को कम करते हुये हटा देती है।
14:- मुँह में हो गए पायरिया रोग को समूल नष्ट कर देती है।
15:- शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को पुनः अच्छे कोलेस्ट्रॉल में परिवर्तित करने की क्षमता भी इसमे पाई जाती है।
16:- माइग्रेन को धीरे-धीरे सदा के लिये विदा करने की भी क्षमता रखती है।
17:- शरीर से थकान,तनाव हटाकर नई ऊर्जा भरने की क्षमता इसमे है।
18:- जीव के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखने में सहायता प्रदान करती है।
*तँत्र-मंत्र प्रयोग*
दूब घास के पंचांग को सिद्ध करके घर मे रखने से सदैव *श्री गणेशजी के साथ माँ लक्ष्मी जी* की कृपा रहती है कोई नकारात्मक शक्ति ग्रह-विनाश नही कर सकती।
यदि कोई जीव इसको सिद्ध करके धारण करता है तो सदा आसुरी शक्तियों के प्रभाव से मुक्त रहता है।
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