*बसन्त पञ्चमी/ सरस्वती पूजा का मुहूर्त कल अर्थात 30 जनवरी दिन गुरुवार प्रातः 10:27 तक सर्वोत्तम
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 94150 87711
माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी कहा जाता है। इस दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भारतीय समाज में काफी महत्व रहा है। पुराणों के अनुसार इस दिन ब्रह्माजी ने देवी सरस्वती का सृष्टि में आह्वान किया था और देवी का प्राकट्य हुआ था। यही वजह है कि युग-युग से इस दिन लोग देवी सरस्वती की पूजा करते आए हैं। इस दिन ज्ञान की वृद्धि और उन्नति के लिए बच्चों की शिक्षा शुरू करने की भी परंपरा रही है।
* बसंत पंचमी तिथि कल अर्थात 30 जनवरी दिन गुरुवार को है वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण तिथि एवं पर्व के रूप में बसंत पंचमी को माना जाता है
शास्त्रों में इस दिन को सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में बताया गया है यानी कि इस दिन कोई भी शुभ काम बिना किसी पंचांग को देखे किया जा सकता है।
जानें कब से कब तक बसंत पंचमी
कल अर्थात 30 January Din guruwar Ko बसंत पंचमी सरस्वती पूजा है माघ शुक्ल पंचमी तिथि का आरंभ 29 जनवरी को सुबह 8 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है। । पंचमी तिथि का समापन 30 जनवरी को प्रातः 10 बजकर 27 मिनट पर हो रहा है। यही कारण है कि 29 जनवरी और 30 जनवरी को ज्योतिषियों में मतभेद उत्पन्न हुआ है। आइए जानें कि कौन सा दिन सरस्वती पूजा के लिए उत्तम और शुभ है। कल अर्थात* दिन गुरुवार 30 जनवरी को सरस्वती पूजा*
हिंदू धर्म में शास्त्रीय मत यह है कि जिस दिन उदय तिथि हो यानी सूर्योदय जिस तिथि में हो पूरे दिन उसी तिथि का मान होता है। दूसरी बात कि पितरों की पूजा मध्य काल में होती है और देवी-देवताओं की प्रथम प्रहर में इसलिए जिस दिन सूर्योदय के समय तिथि का आंरभ हो उसी दिन देवी-देवताओं का पूजन किया जाना चाहिए। शास्त्रों का मत है कि सूर्योदय के समय अगर तिथि कुछ समय के लिए भी लग रही हो तो उसी तिथि का मान होता है और उसी तिथि में पूजन किया जाना चाहिए। इस नियम के अनुसार सरस्वती पूजन गुरुवार 30 जनवरी को किया जाना शास्त्र सम्मत होगा। इस दिन गुरुवार भी है जिससे यह ज्ञान की देवी सरस्वती के पूजन के लिए सर्वथा उचित तिथि है।
पंचमी तिथि का आरंभ 29 जनवरी प्रातः 8:00 बजकर 17 मिनट
पंचमी तिथि का समापन 30 जनवरी अर्थात कल प्रातः 10 बजकर 27 मिनट तक
सरस्वती मूर्ति पूजन का सर्वोत्तम मुहूर्त है सरस्वती जी का प्रातः समय लक्ष्मी जी का सायं काल पूजन का विशेष मुहूर्त होता है
नोट: देवी सरस्वती मूर्ति विसर्जन 31 जनवरी को किया जाना चाहिए। इस दिन दोपहर के 12 बजकर 31 मिनट के बाद का समय उत्तम होगा क्योंकि पंचक भी समाप्त हो चुका है। आपको बता दें कि ऐसी भी मान्यता है कि बेटी की विदाई और देवी की मूर्ति का विसर्जन गुरुवार को नहीं करना चाहिए। इस लिहाज से भी गुरुवार का दिन सरस्वती पूजन के लिए उत्तम है। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर एवं vedraj complex purana RTO Chauraha latouche Road Lucknow 9415 087 711 923 5722 996
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