Siddhi Vinayak Jyotish AVN vastu Anusandhan Kendra Vibhav khand 2 Gomti Nagar Lucknow 923 5722 996 ☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️ Jyotish Acharya Dr Uma Shankar Mishra 94150 87711 ❇️❇️❇️❇️❇️❇️❇️ क्या होता है पितृ दोष ❄️❄️❄️❄️❄️ ज्योतिष के अनुसार पितृ दोष और पितृ ऋण से पीड़ित कुंडली शापित कुंडली कही जाती है *जन्म पत्री में यदि सूर्य पर शनि राहु-केतु की दृष्टि या युति द्वारा प्रभाव हो तो जातक की कुंडली में पितृ ऋण की स्थिति मानी जाती है। इसके अलावा भी अन्य कई स्थितियां होती है। पितर दोष का संबंध बृहस्पति (गुरु) से बताया है। अगर गुरु ग्रह पर दो बुरे ग्रहों का असर हो तथा गुरु 4-8-12वें भाव में हो या नीच राशि में हो तथा अंशों द्वारा निर्धन हो तो यह दोष पूर्ण रूप से घटता है। जिन व्यक्तियों के जीवन मे पित्र दोष होता है उन्हें कड़ी मेहनत करने पर भी बुरे परिणाम मिलना। - घर-परिवार के कोई भी काम पूरा होने वाला हो, तभी उसमें रुकावट आती है। अच्छी कमाई और धन होने पर भी बचत नहीं होती है । घर मे हमेशा क्लेश बना रहना और परिवार के सभी सदस्यों में आपसी मन-मुटाव रहना ,तनाव रहना आदि ! - सगाई होकर टूट जाना या पति-पत्नी में हमेशा झगड़े बने रहना घर मे माहौल सद -भावना पूर्ण नहि होने जैसी स्थिति बन जाती है ।कड़ी मेहनत करने पर भी बुरे परिणाम मिलना। - घर-परिवार के कोई भी काम पूरा होने वाला हो, तभी उसमें रुकावट आती है। पितृ दोष प्रत्येक कुंडली में अलग-अलग तरह के नुकसान कर सकता है। क्यों होता है पितृ दोष ☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️ (1) पितरों का विधिवत् संस्कार, श्राद्ध न होना। (2) पितरों की विस्मृति या अपमान। (3) धर्म विरुद्ध आचरण। (4) वृक्ष, फल लदे, पीपल, वट इत्यादि कटवाना। (5) नाग की हत्या करना, कराना या उसकी मृत्यु का कारण बनना। 6) गौहत्या या गौ का अपमान करना। (7) नदी, कूप, तड़ाग या पवित्र स्थान पर मल-मूत्र विसर्जन।