#कार्तिक-#मास में सभी के लिए #अनिवार्य Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra 94150 877 11923 57 2 2 99 6 1-- #नित्य #रात्रि के #अन्तिम #प्रहर में उठना। 2-- #स्नान करना। 3-- ठाकुर जी को जगाकर #आरती करना। 4-- #तुलसी महारानी को #जल से सिंचित करके तुलसी #वन्दना करना। ( नमो नमः तुलसी कृष्णप्रेयसी ::::::::) 5-- #प्रभु के #पवित्र #नाम का #कीर्तन करना। #हरे #कृष्ण #महामंत्र का जप करना संख्या बढ़ाकर जप करना अर्थात् अन्य मास में जितनी माला करते थे उससे बढ़ाकर या दोगुनी करना ( 1 करते थे तो 2 करना 4 करते थे तो 8 करना 16 करते थे तो 32 करना) जप तुलसी की #माला पर ही करना। 6-- तुलसी, मालती, कमल व सुगन्धित पुष्पों से श्री दामोदर की पूजा करना। 7-- प्रतिदिन भगवान् की कथा का श्रवण करना, भगवद्गीता का पाठ अर्थ सहित कुछ इस प्रकार करना कि कार्तिक मास में पूर्ण हो जाये। 8-- प्रतिदिन दिन रात घी या तिल-तेल का दीपक जलाकर अर्चन करना। 9-- अन्य मास में जो भोग निवेदन करते हैं उसके अलावा विशेष भोग #प्रभु को लगाना। जो कभी प्रभु को भोग नहीं निवेदन करते वे भी इस मास में निवेदन करें। 10- एकभुक्त रहना अर्थात् मात्र एक बार #भोजन करना। #मौन रहकर भोजन करना। 11- #दीप दान का विशेष महत्व है विष्णु के निकट, देवालय में, तुलसी महारानी के समक्ष व आकाश-दीप प्रज्वलित करना। #हरे #राम हरे राम राम राम हरे हरे। #हरे #कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे