अद्भुत सम्बन्ध Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 923 5722 996 सगाई के दौरान लड़की- लड़का दोनों एक दूसरे की अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाते हैं । ये अंगूठी अनामिका में ही क्यूँ पहनाई जाती है ? एक सुंदर प्रयोग बताता हूँ ..... आप भी कर के देखें ओर समझें...... . बुद्धिजीवियों और वेदों के अनुसार हमारे हाथ की दसों उंगलियां एक कुटुम्ब हैं । . . हाथ के अंगूठे हमारे माता-पिता का प्रतीक हैं। . . अंगूठे के पास वाली उंगली (तर्जनी) हमारे भाई-बहन के प्रतीक। . . बीच की उंगली (मध्यमा) हम खुद . . चौथी अनामिका... मतलब हमारा जोड़ीदार/जीवन साथी। . . और अंतिम सबसे छोटी उंगली कनिष्टिका (करंगली) हमारे बच्चे। . . ये हो गया कुटुंब। अब देखते हैं कुटुंब के लोगों से हमारे संबंध कैसे ईश्वर ने स्थापित किये हैं। . . अब फोन को एक ओर रख दोनों हाथ प्रणाम मुद्रा में जोड़ें। . . बीच की दोनों उंगली (जो हम खुद हैं) को अंदर की ओर fold कर हथेली से लगा लें। अब दोनो अंगूठे एक दूसरे से दूर करे वो हो जाएंगे। . . कारण माता-पिता का साथ हमें जन्मभर नही मिलता, कभी न कभी वो हमें छोड़ कर जाते हैं । फिर दोनों अंगूठों को जोड़ लें। . . अब अंगूठे को छोड़ उसके पास वाली तर्जनी उंगली को खोलें वो भी खुलेगी, कारण भाई-बहन का अपना परिवार है , उनका खुद का अपना जीवन है, वो भी हमारे साथ जीवन भर नहीं रहने वाले हैं। . . अब वो तर्जनी उंगलियां जोड़ हाथ के आखरिवाली सबसे छोटी उंगली को आपस मे खोलें। . . वो भी खुलेंगी, कारण आपके बच्चे बड़े होने पर घोसला छोड़ उड़ान भरने ही वाले हैं । . छोटी उंगलियों को अब जोड़ लें। . . अब छोटी वाली ऊंगली के बगल वाली अनामिका, जिसमें सगाई की अंगूठी पहनते हैं, को एक दूजे से दूर करे...... . . आश्चर्य होगा; पर वो दूर नही होगी। कारण जोड़ीदार, मतलब पति-पत्नी, जीवनभर एक साथ रहने वाले होते हैं । सुख और दुःख में एक दूजे के जीवनसाथी..... "ये आयुष्य का सुंदर अर्थ अनामिका सिवाय सब व्यर्थ "