इस दिन देवी के नवम रूप सिद्धिदात्री की पूजा होती है। यह देवी नवरात्र में नौ दिनों की उपासना का फल देने वाली हैं। यह साधकों को सिद्धियां प्रदान करती हैं और कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इस रूप में देवी को महालक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है। इनकी उपासना के समय साधकों को फिरोजी रंग के वस्त्र या लाल, केसरिया रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। फिरोजी विशुद्धि चक्र का रंग है। यह 9 दिन की साधना के बाद शुद्धि का प्रतीक है। आज लक्ष्मी जी सरस्वती जी गौरी जी का विशेष उपासना का दिन है तीनों के सामने एक देसी घी का दीपक जलाकर नवार्ण मंत्र श्री सूक्त का पाठ सरस्वती स्तोत्र का पाठ करना चाहिए आज मां जगदंबा नवमी तिथि में जो भी पूजा-पाठ अनुष्ठान साधना करता है उसके प्रयोजन को सिद्ध करती हैं इसीलिए इनका नाम सिद्धिदात्री कहा गया है सायं काल दशमी तिथि लग जा रही है जो 9 दिन का व्रत रहे होंगे वह सायं काल रात्रि में भोजन प्रसाद पा सकते हैं अथवा कल प्रातकाल भी पा सकते हैं प्रातः 7:00 से 9 के मध्य ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 94150 87711