मौनी अमावस्या पर बन रहे हैं शुभ संयोग, भूलकर भी न करें ये काम माघ अमावस्या 2020 बहुत ही खास है। मौनी अमावस्या होने के साथ ही इस बार शनि का गोचर भी इसी दिन मकर राशि में होने जा रहा है। चंद्रमा भी इस दिन मकर राशि में आकर 4 ग्रहों का संयोग बनाने जा रहे हैं। मकर राशि में एक साथ सूर्य, चंद्र, बुध और शनि का संयोग बनेगा। इस स्थिति में मौनी अमावस्या के दिन 5 बातों से सभी लोगों को बचना चाहिए, तभी साल 2020 आने वाले दिनों में आपके लिए कामयाबी की इबारत लिखेगा। *आदर पूर्वक करें इनका दान भिखारी या कोई दान मांगने वाला घर आए तो उसे खाली हाथ विदा ना करें। अमावस्या का संबंध पितरों और शनि महाराज से माना जाता है। इस पर संयोग यह है कि शनि महाराज भी इस दिन राशि परिवर्तन कर रहे हैं। इस दिव्य संयोग में कोई द्वार पर कुछ मांगने आ जाए तो इसे अपने लिए शनि महाराज की कृपा ही मानें और आदर पूर्वक उनको दान दें। *धन-दौलत का ना करें लोभ अमावस्या के दिन किसी से छल-कपट और धोखा नहीं करना चाहिए। यह मुनियों की अमावस्या है। इसे साधना और तप का दिन माना गया है। इस दिन किया गया कोई भी विपरीत कर्म कई गुना पाप का भागी बना देता है। जहां तक हो दूसरों की सहायता करें। दूसरों की धन दौलत पर लोभ ना करें। शनि महाराज की होगी कृपा कुत्ता गाय, कौआ, इनका संबंध पितरों से माना गया है। शनि के शुभ फलों की प्राप्ति में भी इन्हें सहायक माना जाता है। इसलिए अमावस्या के दिन, खास तौर पर माघ अमावस्या जिसे मौनी अमावस्या भी कहते हैं उस दिन इन्हें मारकर ना भगाएं। अगर हो सके तो इन्हें रोटी और भोजन दें। इससे पितरों के साथ ही शनि महाराज की भी कृपा प्राप्त होगी।। *वाद-विवाद से रहें दूर। माघअमावस्या महत्व सबसे ज्यादा वाणी से है। इस दिन वाणी पर संयम रखना बेहद जरूरी माना गया है। मौनी का मतलब चुप रहने से है यानी स्नान से पूर्व कुछ भी नहीं बोलना चाहिए। इसके अलावा कोशिश करें कि पूरे दिन किसी से कुछ भी आप बुरा ना करें। वाद-विवाद से तो पूरी तरह दूर रहना चाहिए। वाणी पर संयम रखना ही इस व्रत का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।। तामसिक भोजन से रहें दूर मौनीअमावस्या का दिन व्रत और उपासना का माना जाता है। ऐसे में अगर आप व्रत ना कर पाएं तो कम से कम तामसिक भोजन खास तौर पर मांसाहार और मदिरा सेवन से बचें। शनि भी इस दिन अपनी राशि में प्रवेश कर रहे हैं ऐसे में इन बातों का ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है। लाल किताब में बताया गया है कि इन चीजों का सेवन करने वाला शनि महाराज को खुद ही अपने सिर पर आने का निमंत्रण देता है यानी संकट को बुलावा देता है।