रत्न से मिलता है अद्भुत लाभ:--- Jyotish Acharya Doctor Uma Shankar doctor Umashankar Mishra 9415 087 711 923 5722 996 ज्योतिष की दुनिया में रत्नों का भी अपना अलग महत्व है। रत्न विशेषज्ञों का मानना है कि आपकी कुंडली के बहुत से दोष केवल रत्न धारण करने से ही मिट सकते हैं, वहीं दूसरी ओर अगर कुंडली में ग्रहों की खराब दशा की वजह से आपको भविष्य में बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है तो रत्नों की सहायता से उनके प्रभाव में उल्लेखनीय कमी भी आ सकती बसर्ते कोई भी रत्न धारण करने से पूर्व अपनी जन्म पत्रिका किसी ज्योतिष से अवश्य दिखवाना चाहिए नहीं तो रत्न बुरा प्रभाव भी देते हैं आइये जानते हैं कौन रत्न किनके लिए कितना फायदा कितना नुकसान 1. मूंगा (प्रवाल)- मंगल की राशि मेष और वृश्‍चिक वालों के लिए मूंगा पहने की सलाह दी जाती है। मूंगा धारण करने से साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। पुलिस, आर्मी, डॉक्टर, प्रॉपर्टी का काम करने वाले, हथियार निर्माण करने वाले, सर्जन, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर इंजीनियर आदि लोगों को मूंगा पहनने से विशेष लाभ होता है। रक्त संबंधी रोग, मिर्गी तथा पीलिया में भी लाभदायक माना गया है। लेकिन इसके नुकसान भी हो सकते हैं। यदि कुंडली के अनुसार मूंगा नहीं पहना है, तो यह नुकसान भी कर सकता है। इससे दुर्घटना भी हो सकती है। कहते हैं कि इसका भार जीवनसाथी पर रहता है। इससे पारिवारिक कलह, कुटुम्ब से मनमुटाव और वाणी में दोष भी उत्‍पन्‍न हो सकता है। शनि और मंगल की युति कहीं भी हो तो मूंगा नहीं पहनना चाहिए।   2. ओपल या हीरा- शुक्र की राशि वृषभ और तुला वालों के लिए हीरा पहनने की सलाह दी जाती है। हीरा मालामाल भी कर सकता है और कंगाल भी। इसे पहनने से रूप, सौंदर्य, यश व प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। कहते हैं कि यह मधुमेह रोग में लाभदायक है। लाल किताब के अनुसार तीसरे, पांचवें और आठवें स्थान पर शुक्र हो तो हीरा नहीं पहनना चाहिए। इसके अलावा टूटा-फूटा हीरा भी नुकसानदायक होता है। कुंडली में शुक्र, मंगल या गुरु की राशि में बैठा हो या इनमें से किसी एक से दृष्ट हो या इनकी राशियों से स्थान परिवर्तन हो तो हीरा मारकेश की भांति बर्ताव करता है और वह आत्महत्या या पाप की ओर अग्रसर करता है।   3. पन्ना- बुध की राशि मिथुन और कन्या राशि वालों के लिए पन्ना पहनने की सलाह दी जाती है। पन्ना धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। हाजमा अच्‍छा करने के लिए भी इसे धारण करते हैं। नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए भी इसे धारण करने की सलाह दी जाती है। लाल किताब के अनुसार बुध तीसरे या 12वें हो तो पन्ना नहीं पहनना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार 6, 8, 12 का बुध स्वामी हो तो पन्ना पहनने से अचानक नुकसान, यदि बुध की महादशा चल रही है और बुध 8वें या 12वें भाव में बैठा है तो भी पन्ना धारण करने से समस्या उत्पन्न हो सकती है। 4. मोती- चंद्र की राशि कर्क और गुरु की राशि मीन राशि वालों के लिए मोती पहनने की सलाह दी जाती है। इसके पहनने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। मन की बेचैनी मिट जाती है। इसे धारण करने पर सर्दी-जुकाम में फायदा, भयमुक्त जीवन और सुख बढ़ता है। लाल किताब के अनुसार यदि कुंडली में चंद्र 12वें या 10वें घर में है तो मोती नहीं पहनना चाहिए। यह भी कहा गया है कि शुक्र, बुध, शनि की राशियों वालों को भी मोती धारण नहीं करना चाहिए। अत्यधिक भावुक लोगों और क्रोधी लोगों को मोती नहीं पहनना चाहिए। 5. माणिक- सूर्य की राशि सिंह राशि वालों के लिए लिए माणिक पहनने की सलाह दी जाती है। माणिक या माणिक्य से राजकीय और प्रशासनिक कार्यों में सफलता मिलती है। यदि इसका लाभ हो रहा है तो आपके चेहरे पर चमक आ जाएगी अन्यथा सिरदर्द होगा और पारिवारिक समस्या भी बढ़ जाएगी। अपयश झेलना पड़ सकता है।   6. पुखराज- बृहस्पति या गुरु की राशि धनु और मीन राशि वालों के लिए पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है। पुखराज धारण करने से प्रसिद्धि मिलती है। प्रसिद्धि से मान-सम्मान बढ़ता है। शिक्षा और करियर में यह लाभदायक है। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वाले लोग यदि पुखराज पहनते हैं तो संतान, विद्या, धन और यश में सफलता मिलती है। लाल किताब के अनुसार धनु लग्न में यदि गुरु लग्न में है तो पुखराज या सोना केवल गले में ही धारण करना चाहिए, हाथों में नहीं। यदि हाथों में पहनेंगे तो ये ग्रह कुंडली के तीसरे घर में स्थापित हो जाएंगे। लेकिन ज्योतिष के अनुसार यदि जन्म पत्रिका नहीं दिखाई है और मन से ही पुखराज धारण किया है तो नुकसान भी पहुंचा सकता है। वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वालों को पुखराज नहीं पहनना चाहिए।   7. नीलम- शनि की राशि कुंभ और मकर राशि वालों के लिए नीलम पहनने की सलाह दी जाती है। शनि लग्न, पंचम या 11वें स्थान पर हो तो नीलम नहीं। नीलम आसमान पर उठाता है और खाक में मिला भी देता है। इसीलिए कुंडली की जांच करने के बाद नीलम पहनें। यह व्यक्ति में दूरदृष्टि, कार्यकुशलता और ज्ञान को बढ़ाता है। यह बहुत जल्दी से व्यक्ति को प्रसिद्ध कर देता है। लेकिन यदि नीलम सूट नहीं हो रहा है तो इसके शुरुआती लक्षणों में अकारण ही हाथ-पैरों में जबर्दस्त दर्द रहने लगेगा, बुद्धि विपरीत हो जाएगी, धीरे-धीरे संघर्ष बढ़ने लगेगा और व्यक्ति जिंदगी में खुद के ही बुने हुए जाल में उलझ मरेगा।   8. गोमेद- राहु के लिए गोमेद पहनने की सलाह दी जाती है। गोमेद धारण करने से नेतृत्व क्षमता का इजाफा होता है। कहते हैं कि गोमेद काले जादू से रक्षा करता है। अचानक लाभ पहुंचाता है और अचानक होने वाले नुकसान से भी रक्षा करता है लाल किताब के अनुसार राहु 12वें, 11वें, 5वें, 8वें या 9वें स्थान पर हो तो गोमेद नहीं पहनना चाहिए वर्ना नुकसान होगा। लेकिन ज्योतिषानुसार दोषयुक्त गोमेद के नुकसान हो सकते हैं। इससे पेट के रोग, आर्थिक नुकसान, पुत्र को नुकसान, व्यापार हानि, रक्त विकार के अलावा कहते हैं कि आकस्मिक मृत्यु तक हो जाती है।   9. लहसुनिया- केतु के लिए लहसुनिया पहनने की सलाह दी जाती है। इसे संस्कृत में वैदुर्य कहते हैं। व्यापार और कार्य में लहसुनिया पहनने से फायदा मिलता है। यह किसी की नजर नहीं लगने देता है। लाल किताब के अनुसार तीसरे और छठे भाव में केतु है तो लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए वर्ना नुकसान होगा। ज्योतिष के अनुसार दोषयुक्त लहसुनिया वैसा ही नुकसान पहुंचाता है, जैसा कि गोमेद।