रविवार 13 सितंबर 2020 को भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजकर 37 मिनट पर एक अदभुत खगोलीय घटना घटित हुई। छः ग्रह अपने अपने घरों में पहुंचकर स्वग्रही हो गए। 9 ग्रहों में से 7 ग्रहों के अपने घर होते हैं, उनमें से छः ग्रह स्वग्रही हो जाना एक दुर्लभ खगोलीय घटना है। यह स्थिति 15 सितंबर 2020 की दोपहर 2 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। जब 4 ग्रह स्वग्रही होते हैं तो यह स्वयं में उत्तम योग बनता है। ऐसे योग में जन्मे लोग शक्ति सम्पन्न होते हैं और कई बार इनके पीछे जन सैलाब होता है। जब 5 ग्रह स्वग्रही योग में होते हैं तो किसी महाशक्ति सम्पन्न व्यक्ति का जन्म होता है। जब 6 और 7 ग्रह स्वग्रही हों तो इन्हीं में से चुपचाप किसी महापुरुष या अवतारी शक्ति का प्राकट्य होता है, पर सिर्फ़ इतना ही काफ़ी नहीं है। इसके अलावा ग्रहों की व्यक्तिगत स्थितियां भी ज़िम्मेदार होती हैं। पूरे दिन में 12 प्रकार की कुंडलियां निर्मित होती हैं। पूरी संभावना है कि इन 51 घंटे और 88 मिनट में किसी सर्वशक्ति संपन्न व्यक्ति, महापुरुष या अवतारी शक्ति का जन्म हो चुका होगा।
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