क्यों करें श्राद्ध ? Jyotish Acharya Dr Uma Shankar Mishra 9415 087 711 अपने से बढ़े - बुजुर्गों का आशीर्वाद बेहद आवश्यक... इस बार श्राद्ध- 2 सितंबर से 17 सितंबर तक इस बार चतुर्मास पूरे पांच मास का हो गया। । जहां श्राद्ध समाप्ति के अगले दिन नवरात्र आरंभ हो जाते थे , इस बार लगभग एक मास के अंतराल के बाद होंगे। हालांकि यह 160 साल बाद ऐसा हो रहा है यानी 2020 में सब कुछ बदला बदला। इस साल श्राद्ध 2 सितंबर से शुरू होंगे और 17 सितंबर को समाप्त होंगे। इसके अगले दिन 18 सितंबर से अधिकमास शुरू हो जाएगा, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। वहीं नवरात्रि का पावन पर्व 17 अक्टूबर से शुरू होगा और 25 अक्टूबर को समाप्त होगा। वहीं चतुर्मास देवउठनी के दिन 25 नवंबर को समाप्त होंगे। पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके तर्पण के निमित्त श्राद्ध किया जाता है। यहां श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों के प्रति सम्मान प्रगट करने से है। श्राद्ध पक्ष अपने पूर्वजों को जो इस धरती पर नहीं है एक विशेष समय में 15 दिनों की अवधि तक सम्मान दिया जाता है, इस अवधि को पितृ पक्ष अर्थात श्राद्ध पक्ष कहते हैं। हिंदू धर्म में श्राद्ध का विशेष महत्व होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य का प्रवेश कन्या राशि में होता है तो, उसी दौरान पितृ पक्ष मनाया जाता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में तर्पण और पिंडदान को सर्वोत्तम माना गया है। क्यों करें श्राद्ध ? अक्सर आधुनिक युग में श्राद्ध का नाम आते ही इसे अंधविश्वास की संज्ञा दे दी जाती हैं । प्रशन किया जाता है कि क्या श्राद्धों की अवधि मेंब्राहमणों को खिलाया गया भोजन पित्तरों को मिल जाता है? क्या यह हवाला सिस्टम है कि पृथ्वी लोक में दिया और परलोक में मिल गया ?फिर जीते जी हम माता पिता को नहीं पूछते .........मरणेापरांत पूजते हैं! ऐसे कई प्रशन हैं जिनके उत्तर तर्क से देने कठिन होते हैं फिर भी उनकाऔचित्य अवश्य होता है। आप अपने सुपुत्र से कभी पूछें कि उसके दादा - दादी जी या नाना -नानी जी का क्या नाम है। आज के युग में 90 प्रतिशत बच्चे या तो सिरखुजलाने लग जाते हैं या ऐं.... ऐं ...... करने लग जाते हैं। परदादा का नाम तो रहने ही दें । यदि आप चाहते हैं कि आपका नाम आपका पोता भी जाने तो आप श्राद्ध के महत्व को समझें। सदियों से चली आ रही भारत की इस व्यावहारिकएवं सुंदर परंपरा का निर्वाह अवश्य करें। हम पश्चिमी सभ्यता की नकल कर के मदर डे,फादर डे, सिस्टर डे,वूमन डे,वेलेंटाइन डे आदि पर परग्रीटिंग कार्ड या गीफट देके डे मना ल्ेाते हैं । उसके पीछे निहित भावना या उदे्श्य को अनदेखा कर देते हैं। परंतु श्राद्धकर्म का एक समुचितउद्ेश्य है जिसे धार्मिक कृत्य से जोड़ दिया गया है। श्राद्ध , आने वाली संतति को अपने पूर्वजों से परिचित करवाते हैं। जिन दिवंगत आत्माओं के कारण पारिवारिक वृक्ष खड़ा है, उनकीकुर्बानियों व योगदान को स्मरण करने के ये 15 दिन होते है। इस अवधि में अपने बच्चों को परिवार के दिवंगत पूर्वजों के आदर्श व कार्यकलापों केबारे बताएं ताकि वे कुटुंब की स्वस्थ परंपराओं का निर्वाह करें। ऐसा नहीं है कि केवल हिन्दुओं में ही मृतकों को याद करने की प्रथा है, इसाई समाज में निधन के 40 दिनों बाद एक रस्म की जाती है जिसमेंसामूहिक भोज का आयोजन होता है।इस्लाम में भी 40 दिनों बाद कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ने का रिवाज है। बौद्ध धर्म में भी ऐसे कई प्रावधानहै।तिब्बत में इसे तंत्र-मंत्र से जोड़ा गया है। पश्चिमी समाज में मोमबत्ती प्रज्जवलित करने की प्रथा है। किस तिथि को करें श्राद्ध ? जिस तिथि को जिसका निधन हुआ हो उसी दिन श्राद्ध किया जाता है। यदि किसी की मृत्यु प्रतिपदा को हुई है तो उसी तिथि के दिन श्रद्धा से यादकिया जाना चाहिए । यदि देहावसान की डेट नहीं मालूम तो फिर भी कुछ सरल नियम बनाए गए हैं। पिता का श्राद्ध अष्टमी और माता का नवमीपर किया जाना चाहिए। जिनकी मृत्यु दुर्घटना, आत्मघात या अचानक हुई हो , उनका चतुदर्शी का दिन नियत है। साधु- सन्यासियों का श्राद्धद्वादशी पर होगा। जिनके बारे कुछ मालूम नहीं , उनका श्राद्ध अंतिम दिन अमावस पर किया जाता है जिसे सर्वपितृ श्राद्ध कहते हैं। श्राद्ध सारिणी 2 सितंबर- पितृ पक्ष श्राद्ध आरंभ- पूर्णिमा-बुधवार 3 सितंबर- प्रतिपदा का श्राद्ध 4 सितंबर- द्वितीया का श्राद्ध 5 सितंबर- तृतीया का श्राद्ध 6 सितंबर- चतुर्थी का श्राद्ध 7 सितंबर- पंचमी का श्राद्ध 8 सितंबर-षष्ठी का श्राद्ध 9 सितंबर- सप्तमी का श्राद्ध 10 सितंबर- अष्टमी का श्राद्ध 11 सितंबर- नवमी का श्राद्ध 12 सितंबर-दशमी का श्राद्ध 13 सितंबर-एकादशी का श्राद्ध 14 सितंबर-द्वादशी का श्राद्ध 15 सितंबर-त्रयोदशी का श्राद्ध 16 सितंबर-चतुर्दशी का श्राद्ध 17 सितंबर-सर्वपितृ श्राद्ध 🌷🌷 Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 🌷🌷 Siddhi Vinayak Jyotish AVN vastu Anusandhan Kendra Vibhav Khand 2 Gomti Nagar 🌷 AVN 🌷 vedraj complex purana RTO Chauraha latouche Road Lucknow 🌷 9415 087 711 🌷 923 5722 996 🌷🌷🌷🌷