भगवान गणेश को क्यों कहा जाता है गणपति, पढ़ें उनकी जन्म कथा
Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711
हिंदू धर्म में कोई भी पूजा पाठ या शुभ काम भगवान गणेश की पूजा के और आरती उतारे बिना शुरू नहीं की जाती. गणपति जी को प्रथम पूज्य देवता की उपाधि प्राप्त है. इसलिए हर शुभ कार्य में सबसे पहले उन्हें याद किया जाता है, उनकी पूजा की जाती है. शास्त्रों में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है. गणेश जी को विघ्नहर्ता कहते हैं. सारे दुखों और कष्टों को हरने वाले. वह भक्तों की सभी बाधाएं, रोग, शत्रु और दरिद्रता दूर करते हैं. बुधवार के दिन गणपति की पूजा और उपासना करने से सुख समृद्धी बढ़ती है और बुद्ध दोष भी दूर होता है. माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. मान्यता के अनुसार, बुधवार के दिन विध्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ होता है.
वहीं इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व kal arthat 22 अगस्त को है. गणेश चतुर्थी भारत में पूरे धूमधाम और गाजे-बाजे के साथ मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है. गणेश चतुर्थी पर गणेश भगवान की पूजा अर्चना की जाती है. गणेश चतुर्थी पर कई लोग अपने घरों में गणेश भगवान की प्रतिमा बैठाते हैं और उसकी प्राण प्रतिष्ठा करते हैं. गणेश चतुर्थी तक रतजगा, गणेश भगवान के भजन, अखंड दीपक और पूजा-पाठ चलता है. अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश भगवान को विदाई दी जाती है. आइए आपको बताते हैं भगवान गणेश की जन्मकथा के बारे में और उन्हें क्यों कहा जाता है गणपति.
भगवान गणेश की जन्म कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार नंदी से माता पार्वती की किसी आज्ञा के पालन में ऋुटि हो गई. जिसके बाद माता से सोचा कि कुछ ऐसा बनाना चाहिए, जो केवल उनकी आज्ञा का पालन करें. ऐसे में उन्होंने अपने उबटन से एक बालक की आकृति बनाकर उसमें प्राण डाल दिए. कहते हैं कि जब माता पार्वती स्नान कर रही थीं तो उन्होंने बालक को बाहर पहरा देने के लिए कहा था. माता पार्वती ने बालक को आदेश दिया था कि उनकी इजाजत के बिना किसी को अंदर नहीं आने दिया जाए. कहते हैं कि भगवान शिव के गण आए तो बालक ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. इसके बाद स्वयं भगवान शिव आए तो बालक ने उन्हें भी अंदर नहीं जाने दिया. इस बात से भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने बालक का सिर धड़ से अलग कर दिया. माता पार्वती जब बाहर आईं तो वह यह सब देखकर क्रोधित हुईं. उन्होंने उनके बालक को जीवित करने के लिए कहा. तब भगवान शिव ने एक हाथी का सिर बालक के धड़ से जोड़ दिया.
श्रीगणेश को क्यों कहा जाता है गणपति
कहा जाता है कि बालक को सभी देवताओं ने कई वरदान दिए. सभी गणों का स्वामी होने के कारण भगवान गणेश को गणपति कहा जाता है. गज (हाथी) का सिर होने के कारण इन्हें गजानन कहते हैं
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