द्वादश भावो में उच्च का शनि 〰️〰️🌸 Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra〰️🌸 9415 087 711〰️🌸 923 5722 996〰️〰️ वैदिक ज्योतिष के अनुसार तुला राशि में स्थित होने पर शनि को उच्च का शनि कहा जाता है जिसका साधारण शब्दों में अर्थ यह होता है कि तुला राशि में स्थित होने पर शनि अन्य सभी राशियों की तुलना में सबसे बलवान हो जाते हैं। कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि कुंडली में उच्च का शनि सदा शुभ फलदायी होता है जो सत्य नहीं है क्योंकि कुंडली में शनि का उच्च होना केवल उसके बल को दर्शाता है तथा उसके शुभ या अशुभ स्वभाव को नहीं जिसके चलते किसी कुंडली में उच्च का शनि शुभ अथवा अशुभ दोनों प्रकार के फल ही प्रदान कर सकता है जिसका निर्णय उस कुंडली में शनि के शुभ अशुभ स्वभाव को देखकर ही लिया जा सकता है। आज के इस लेख में जाने Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra जी के द्वारा कुंडली के विभिन्न 12 घरों में स्थित होने पर उच्च के शनि द्वारा प्रदान किये जाने वाले कुछ संभावित शुभ तथा अशुभ फलों के बारे में विचार करेंगे। अधिक जानकारी हेतु हमें संपर्क करें सेवा सुल्क के साथ 9415 087 711 923 5722 996 ☎️ कुंडली के पहले घर में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के पहले घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक को कलात्मक तथा रचनात्मक विशेषताएं प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक रचनात्मक तथा कलात्मक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार के जातक कलाकार, चित्रकार, नाट्यकार, मूर्तिकार, संगीतज्ञ, रचनाकार, लेखक आदि के रूप में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। कुंडली के पहले घर में स्थित शुभ उच्च के शनि का प्रभाव जातक को अच्छी कल्पना शक्ति, बुद्धिमता, जोड़ तोड़ करने की क्षमता, विश्लेषण करने की क्षमता, कूटनीतिक विशेषता तथा अन्य ऐसे गुण प्रदान कर सकता है जिनके कारण जातक अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है तथा इनमें से कुछ जातक अपनी इन विशेषताओं के चलते सफल राजनेता बन सकते हैं और राजनीति के माध्यम से सरकार में प्रभुत्व तथा प्रतिष्ठा का कोई पद प्राप्त कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के पहले घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक के विवाह तथा वैवाहिक जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों का विवाह देर से अथवा बहुत देर से हो सकता है जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों का विवाह तो समय पर हो जाता है किन्तु इन जातकों का वैवाहिक जीवन बहुत कष्टप्रद रहता है तथा इनमें से बहुत से जातकों का विवाह बहुत सी समस्याओं को झेलने के पश्चात टूट जाता है। कुंडली के पहले घर में स्थित अशुभ उच्च के शनि का प्रभाव जातक को शराब पीने, अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन करने, शारीरिक सुख प्राप्त करने के लिए बहुत सी स्त्रियों के साथ संबंध बनाने जैसीं लतें लगा सकता है जिसके कारण इन जातकों को बहुत सा धन इन लतों की पूर्ति के लिए खर्च करना पड़ सकता है तथा इन लतों के चलते इन जातकों को स्वास्थ्य की हानि और मान हानि का सामना भी करना पड़ सकता है। दूसरे भाव में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के दूसरे घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक को आर्थिक लाभ प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के जातक धनी होते हैं तथा ऐसे जातक सामान्यतया अपनी रचनात्मक विशेषताओं तथा व्यवसायिक क्षमता के कारण व्यवसाय के माध्यम से धन कमाते हैं। इस प्रकार का शुभ प्रभाव जातक को आकस्मिक धन लाभ भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के उच्च शनि के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को लाटरी, शेयर बाजार तथा ऐसे अन्य क्षेत्रों के माध्यम से एकाएक धन की प्राप्ति हो सकती है। कुंडली के दूसरे घर में स्थित उच्च के शनि का शुभ प्रभाव जातक को उसकी व्यवसायिक सफलता के चलते नाम, यश तथा प्रसिद्धि भी प्रदान कर सकता है। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के दूसरे घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले जातकों का विवाह देरी से अथवा बहुत देरी से हो सकता है तथा कुछ विशेष स्थितियों में कुंडली में इस प्रकार के अशुभ प्रभाव के बहुत प्रबल होने पर जातक का जीवन भर विवाह नहीं हो पाता। इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ अन्य जातकों के विवाह एक के बाद एक निरंतर टूटते जाते हैं तथा ऐसे जातकों के 2 या 3 विवाह इस अशुभ प्रभाव के कारण टूट सकते हैं। कुंडली के दूसरे घर में स्थित अशुभ उच्च का शनि जातक की आर्थिक स्थिति को भी विपरीत रूप से प्रभावित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों को जीवन में अनेक बार आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है तथा ऐसे जातकों को अपने जीवन में लंबे समय के लिए कर्ज के नीचे भी रहना पड़ सकता है। तीसरे भाव में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के तीसरे घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक को सुखमय वैवाहिक जीवन प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक समयानुसार विवाह करके सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत करते हैं। इस प्रकार के शुभ उच्च शनि का प्रभाव जातक को साहस, धैर्य, निरंतर प्रयास करते रहने की क्षमता, लोक व्यवहार में कुशलता, नेतृत्व करने की क्षमता, जन साधारण को प्रभावित करने की क्षमता आदि जैसे गुण प्रदान कर सकता है तथा अपनी इन विशेषताओं के चलते इस प्रकार के कुछ जातक विभिन्न सरकारी महकमों में उच्च अधिकारी पद प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातक जन साधारण को प्रभावित करके सक्रिय राजनीति के माध्यम से सरकार में उच्च पद की प्राप्ति कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के तीसरे घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं पैदा हो सकतीं हैं जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव मे आने वाले कुछ जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में बहुत कष्ट उठाने पड़ सकते हैं तथा इनमें से कुछ जातकों का विवाह टूट भी सकता है। सामान्यतया ऐसे जातकों का विवाह भी आसानी से नहीं टूटता तथा इनका तलाक बहुत लंबे झगड़े, विवाद अथवा कोर्ट केस के पश्चात ही हो पाता है। कुंडली के तीसरे घर में स्थित अशुभ उच्च शनि के प्रभाव के कारण जातक को दुर्घटना आदि के माध्यम से चोट लगने की संभावना भी रहती है तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को दुर्घटना अथवा किसी प्रकार की हिंसा के कारण गंभीर चोट भी लग सकती है। कुंडली में इस प्रकार के अशुभ उच्च शनि का प्रभाव जातक के व्यवसायिक जीवन पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों को व्यवसाय में स्थापित होने के लिए बहुत संघर्ष तथा लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। चौथे भाव में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के चौथे घर में स्थित उच्च के शनि के शुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन को सुखी बना सकता है तथा इस प्रकार के प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने से धनी पत्नी प्राप्त होती है और इन जातकों के ससुराल पक्ष के लोग इन जातकों को व्यवसायिक रूप से स्थापित होने के लिए सहायता प्रदान कर सकते हैं जिसके चलते इस प्रकार के शुभ उच्च शनि के प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों का व्यवसायिक स्तर विवाह के पश्चात उंचा अथवा बहुत उंचा हो सकता है। कुंडली के चौथे घर में स्थित शुभ उच्च का शनि जातक को आध्यात्म तथा परा विज्ञान जैसे क्षेत्रों में रूचि और विकास भी प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार का शुभ प्रभाव जातक को सुविधापूर्वक जीवन, विभिन्न प्रकार के ऐश्वर्य के साधन आदि भी प्रदान कर सकता है और इस प्रकार के शुभ उच्च शनि के विशेष प्रभाव में आने वाले कुछ जातक राजनीति के माध्यम से सरकार में प्रतिष्ठा और प्रभुत्व वाला कोई पद भी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के चौथे घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं तथा रोगों से पीड़ित कर सकता है तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को किसी प्रकार का मानसिक रोग भी लग सकता है। कुंडली में इस प्रकार के अशुभ उच्च शनि का प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन में भी अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातकों के एक अथवा एक से अधिक विवाह इस दुष्प्रभाव के कारण टूट भी सकते हैं। कुंडली के चौथे घर में स्थित अशुभ उच्च का शनि जातक के व्यवसायिक क्षेत्र को भी विपरीत रूप से प्रभावित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने व्यवसाय के माध्यम से समय समय पर असफलता अथवा धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। पांचवें भाव में उच्च का शनि👉 कुंडली के पांचवें घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक को धन, समृद्धि, संपत्ति तथा प्रतिष्ठा और प्रभुत्व वाला कोई पद प्रदान कर सकता है तथा अनेक बार ऐसी स्थिति में जातक को ये सब अपने पिता के माध्यम से अथवा अपने पिता की सहायता से प्राप्त होता है। इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों के पिता धनी, सफल तथा किसी सरकारी अथवा निजि संस्था में किसी उच्च पद अथवा किसी महत्वपूर्ण पद पर आसीन होते हैं तथा उनका धन, संपत्ति और पद विरासत में ही जातक को भी प्राप्त हो जाता है। कुंडली के पांचवें घर में स्थित शुभ उच्च के शनि का प्रभाव जातक को विदेश में स्थापित भी करवा सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों की रूचि आध्यत्म तथा परा विज्ञान से जुड़े क्षेत्रों में भी होती है और इनमें से कुछ जातक इन क्षेत्रों में विकसित भी हो पाते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के पांचवें घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक को परिवार की वृद्धि तथा संतान के जन्म से संबंधि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को संतान सुख देर से अथवा बहुत देर से प्राप्त हो पाता है तथा इनमें से कुछ जातकों को संतान सुख प्राप्त करने के लिए डाक्टरी चिकित्सा भी करवानी पड़ सकती है। कुंडली के पांचवें घर में स्थित अशुभ उच्च का शनि जातक की शिक्षा को भी विपरीत रूप से प्रभावित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातक पूरी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों की शिक्षा बहुत बाधाओं के बाद पूरी हो पाती है। इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले जातकों को अपने व्यवसायिक जीवन में भी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। छठे में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के छठे घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक के व्यवसायिक जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक विभिन्न प्रकार के व्यवसायिक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार के शुभ उच्च शनि के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक वकील, डाक्टर अर्थात चिकित्सक, जज, इंजीनियर, पुलिस अफसर आदि बन सकते हैं तथा ऐसे जातक अपने कार्यक्षेत्रों में सफलता प्राप्त करनें में सक्षम होते हैं। कुंडली के छठे घर में स्थित शुभ उच्च का शनि जातक के स्वास्थ्य तथा आयु पर भी शुभ प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातकों का स्वास्थ्य सामान्यतया अन्य अनेक जातकों की तुलना में अच्छा रहता है तथा ऐसे जातक लंबी आयु तक जीवित रह पाते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के छठे घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक के अपने पिता के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं तथा इस प्रकार के कुछ जातकों को जीवन भर अपने पिता की ओर से विरोध का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि ऐसे जातकों की और इनके पिता की विचारधारा बहुत भिन्न अथवा बिल्कुल विपरीत हो सकती है जिसके चलते इन जातकों का अपने पिता के साथ वैचारिक मतभेद रहता है। इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने पिता के उपर विभिन्न कारणों के चलते बहुत धन भी व्यतीत करना पड़ सकता है जैसे कि इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने पिता के द्वारा लिया गया धन का कर्ज चुकाना पड़ सकता है जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों को अपने पिता के किसी रोग का उपचार करवाने के लिए बहुत धन व्यतीत करना पड़ सकता है। कुंडली के छठे घर में स्थित अशुभ उच्च का शनि जातक के व्यवसायिक जीवन में भी अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ शनि के प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपनी व्यवसाय में बाधाओं तथा असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है तथा कुंडली में इस प्रभाव के प्रबल होने पर जातक को किसी व्यवसायिक प्रकरण के चलते पुलिस केस अथवा कोर्ट केस का सामना भी करना पड़ सकता है। कुंडली के सातवें घर में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के सातवें घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक व्यवसायिक सफलता तथा व्यवसाय के माध्यम से धन प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के प्रभाव में आने वाले जातक विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के माध्यम से सफलता तथा धन अर्जित कर सकते हैं। इस प्रकार के शुभ उच्च शनि का प्रभाव जातक का संबंध विदेशों के साथ भी स्थापित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातक व्यवसाय के आधार पर विदेशों में जाकर ही स्थापित हो जाते हैं जबकि इस प्रकार के कुछ जातक ऐसे व्यवसायिक क्षेत्रों में कार्यरत हो सकतें हैं जिन व्यवसायों का लाभ विदेशों के माध्यम से आता हो। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के सातवें घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक के विवाह तथा वैवाहिक जीवन पर दुष्प्रभाव डाल सकता है जिसके कारण इस प्रकार के कुछ जातकों का विवाह देर से अथवा बहुत देर से हो सकता है जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों का एक विवाह तो बहुत मुसीबतों और कष्टों को सहने के पश्चात टूट ही जाता है तथा इस अशुभ प्रभाव के कुंडली में बहुत प्रबल होने की स्थिति में ऐसे जातकों के 2 या दो से भी अधिक विवाह टूट सकते हैं। कुंडली के सातवें घर में स्थित अशुभ उच्च शनि के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक स्वभाव से उग्र, आक्रामक, अहंकारी तथा हठी हो सकते हैं जिसके कारण इन जातकों का वैवाहिक जीवन भली प्रकार से नहीं चल पाता तथा इन जातकों के जीवन के क्षेत्रों में भी इनके स्वभाव के चलते समस्याएं पैदा हो सकतीं हैं। कुंडली के आठवें घर में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के आठवें घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक को धन लाभ प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने जीवन में समय समय पर आकस्मिक तथा अप्रत्याशित रूप से धन की प्राप्ति होती रहती है। इस प्रकार का शुभ प्रभाव जातक को आध्यात्म तथा परा विज्ञान से जुड़े क्षेत्रों में विकास भी प्रदान कर सकता है तथा कुंडली के आठवें घर में उच्च शनि के ऐसे शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक आध्यात्म अथवा परा विज्ञान से संबंधिक किसी क्षेत्र को अपना व्यवसाय भी बना सकते हैं और ऐसे जातक इन क्षेत्रों से बहुत धन के साथ बहुत प्रतिष्ठा तथा यश भी कमा सकते हैं। कुंडली के आठवें घर में स्थित शुभ उच्च का शनि जातक को उत्तराधिकार अथवा किसी की मृत्यु के कारण धन अथवा संपत्ति भी प्रदान कर सकता है। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के आठवें घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक की आयु पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक कम अथवा बहुत कम आयु में ही आकस्मिक मृत्यु को प्राप्त हो सकते हैं। कुंडली में इस प्रकार का अशुभ प्रभाव जातक को किसी गंभीर शारीरिक रोग से पीड़ित भी कर सकता है तथा ऐसा रोग सामान्यतया जातक को बहुत लंबे समय तक कष्ट देता रहता है और जातक के प्राण भी हर सकता है। कुंडली के आठवें घर में स्थित अशुभ उच्च के शनि के प्रभाव के कारण जातक के वैवाहिक जीवन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों के एक अथवा एक से अधिक विवाह बहुत बुरी परिस्थितियों में टूट सकते हैं जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों की पत्नियां गंभीर रोगों के कारण मर सकतीं हैं। कुंडली के नौवें घर में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के नौवें घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक को धन, संपत्ति, आर्थिक समृद्धि, यश तथा प्रसिद्धि प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों का जन्म धनी तथा समृद्ध परिवारों में ही होता है जिसके चलते ऐसे जातक बाल्यकाल से ही अनेक प्रकार की सुविधाओं का भोग करते हैं। कुंडली के नौवें घर में स्थित शुभ उच्च के शनि का प्रभाव जातक को व्यवसायिक सफलता प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातक किसी सरकारी अथवा निजि संस्था में प्रतिष्ठा और प्रभुत्व वाले किसी पद की प्राप्ति भी कर सकते हैं। इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने पिता द्वारा उत्तराधिकार में भी किसी प्रकार के प्रभुत्व वाले पद की प्राप्ति हो सकती है अथवा इन जातकों के पिता ऐसा पद प्राप्त करने में इनकी बहुत सहायता कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के नौवें घर में स्थित उच्च का शनि अशुभ होने की स्थिति में जातक के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है तथा ये समस्याएं उस स्थिति में और भी गंभीर बन सकतीं हैं जब इस प्रकार का अशुभ उच्च का शनि कुंडली के नौवें घर में पित्र दोष का निर्माण कर दे। इस प्रकार के पितृ दोष के प्रभाव में आने वाले जातक का वैवाहिक जीवन बहुत कष्टप्रद सिद्ध हो सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों का विवाह अनेक प्रकार की मुसीबतों में फंसने के कारण टूट भी सकता है। कुंडली के नौवें घर में स्थित अशुभ उच्च के शनि का प्रभाव जातक के व्यवसायिक क्षेत्र में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने व्यवसाय में अनेक बार असफलता का सामना करना पड़ सकता है तथा इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों को व्यापार के माध्यम से धन की हानि तथा अपयश का सामना भी करना पड़ सकता है। कुंडली के दसवें घर में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के दसवें घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक को व्यवसायिक सफलता तथा व्यवसाय के माध्यम से बहुत धन प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक विभिन्न प्रकार के व्यवसायिक क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं। इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक अपने व्यवसाय के माध्यम से धन के अतिरिक्त यश, प्रतिष्ठा, प्रसिद्धि तथा प्रभुत्व की प्राप्ति भी कर सकते हैं। कुंडली के दसवें घर में स्थित शुभ उच्च का शनि जातक के वैवाहिक जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते ऐसे जातकों का वैवाहिक जीवन सामान्यतया सुखी रहता है तथा ऐसे कुछ जातकों को धार्मिक विचारों वाली, सेवा भाव रखने वाली और सहयोग करने वाली पत्नियों की प्राप्ति हो सकती है। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के दसवें घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक के व्यवसायिक क्षेत्र को विपरीत रूप से प्रभावित कर सकता है जिसके कारण इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने व्यवसायिक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों को व्यवसाय के साथ जुड़े किसी प्रकरण के कारण कोर्ट केस तथा बदनामी का सामना भी करना पड़ सकता है। कुंडली के दसवें घर में स्थित अशुभ उच्च का शनि जातक के वैवाहिक जीवन पर भी अशुभ प्रभाव डाल सकता है तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को विभिन्न प्रकार के रोग भी लग सकते हैं। कुंडली के ग्यारहवें घर में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक को बहुत धन प्रदान कर सकता है विशेषतया तब जब इस प्रकार का शुभ उच्च शनि कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित होकर धन योग का निर्माण कर रहा हो। इस प्रकार के शुभ प्रभाव के कुंडली में प्रबल होने पर जातक अपने व्यवसाय के माध्यम से बहुत धन कमाता है तथा ऐसे जातकों के एक से अधिक व्यवसाय अथवा आय के एक से अधिक स्तोत्र हो सकते हैं। कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित शुभ उच्च के शनि के प्रभाव के कारण जातक को अपने भाई बहनों तथा मित्रों से भी सहयोग प्राप्त होता है जिसके चलते ऐसा जातक इन सबके सहयोग से व्यापार में सफलता प्राप्त कर सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातक बड़े अथवा बहुत बड़े व्यापारिक साम्राज्य की स्थापना भी कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक के व्यवसायिक क्षेत्र में बहुत सी समस्याएं पैदा हो सकतीं हैं तथा इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत सी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों को व्यापार के माध्यम से धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित अशुभ उच्च का शनि जातक के वैवाहिक जीवन पर भी दुष्प्रभाव डाल सकता है जिसके कारण इस प्रकार के कुछ जातकों का वैवाहिक जीवन दुखमय हो सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों का स्वभाव आक्रामक तथा उग्र होने के कारण इन जातकों की पत्नियों को इनके साथ निर्वाह करने में बहुत कठिनाई हो सकती है और कुछ स्थितियों में ऐसे जातक का विवाह टूट भी सकता है। कुंडली के बारहवें घर में उच्च का शनि👉 किसी कुंडली के बारहवें घर में स्थित उच्च का शनि शुभ होने की स्थिति में जातक को आर्थिक समृद्धि तथा सुविधापूर्वक जीवन प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के जातक सामान्यतया साधन संपन्न होते हैं तथा इन्हें अपने जीवन में अनेक प्रकार की सुविधाएं प्राप्त होतीं हैं। कुंडली के बारहवें घर में स्थित शुभ उच्च का शनि जातक का संबंध विदेशों के साथ भी जोड़ सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातक विदेशों में स्थायी रूप से बस जाते हैं जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातक विदेशों में स्थायी रूप से बसते तो नहीं किन्तु व्यवसाय के संबंध में विदेशों में जाते रहते हैं अथवा किसी ऐसे व्यवसाय को करते हैं जिसका लाभ विदेशों से संबंधित हो। कुंडली के बारहवें घर में स्थित शुभ उच्च के शनि के प्रबल प्रभाव में आने वाले कुछ जातक विदेशों में स्थापित होकर वहां पर एक अथवा एक से अधिक घर भी बनाते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के बारहवें घर में स्थित उच्च के शनि के अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं तथा चिंताएं पैदा हो सकतीं हैं जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों के अपनी पत्नियों के साथ गंभीर वैचारिक मतभेद रहते हैं जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों की पत्नियों को किसी प्रकार का रोग लग सकता है जिसके कारण ये जातक अपने वैवाहिक जीवन का सुख अच्छी प्रकार से नहीं भोग पाते। कुंडली के बारहवें घर में स्थित अशुभ उच्च के शनि का प्रभाव जातक को किसी प्रकार का गंभीर रोग भी लगा सकता है तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले बहुत से जातक लंबे समय तक चलने वाले कम से कम एक रोग से अवश्य पीड़ित रहते हैं। कुंडली में इस प्रकार के अशुभ उच्च शनि का प्रभाव जातक की आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों की संपत्ति आदि भी किसी प्रकार के विवाद अथवा कोर्ट केस आदि में फंस सकती है। Jyotish Aacharya Dr Umashankar Mishra〰️〰️🌸 Siddhivinayak Jyotish AVN Vastu Anusandhan Kendra Vibhav khand 2 Gomti Nagar〰️〰️🌸 AVN vedraj complex purana RTO Chauraha latouche Road Lucknow〰️〰️ 9415 087 711 〰️〰️? 923 5722 996 ?〰️〰️🌸〰️🌸