आक्रामक ग्रह है मंगल, बहुत जरूरी है उन्हें कुंडली में शुभ करना, पढ़ें 5 उपाय और दो मंत्र *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव* astroexpertsolution.com एकाक्षरी बीज मंत्र- 'ॐ अं अंगारकाय नम:।' तांत्रिक मंत्र- 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:'। जप संख्या- 10,000 (10 हजार)। (कलियुग में 4 गुना जाप एवं दशांश हवन का विधान है।) दान सामग्री- लाल वस्त्र, गुड़, मूंगा, लाल पुष्प, तांबा, रक्त चंदन, मसूर की दाल। (उक्त सामग्री को लाल वस्त्र में बांधकर उसकी पोटली बनाएं तत्पश्चात उसे मंदिर में अर्पण करें अथवा बहते जल में प्रवाहित करें।) दान का समय- सूर्योदय से 2 घटी छोड़ शेष पूरा दिन। हवन हेतु समिधा- खैर। औषधि स्नान- रक्त चंदन, लाल पुष्प, जटामांसी, हींग मिश्रित जल से। अशुभ प्रभाव कम करने हेतु अन्य उपयोगी उपाय * 250 ग्राम बताशे मंगलवार को बहते जल में प्रवाहित करें। * मंगलवार को किसी से भेंट स्वीकार न करें। * मंगलवार को हनुमानजी को सिंदूर अर्पण कर हनुमान चालीसा का पाठ करें। * लाल वस्त्रों का प्रयोग न करें। * मंगल यंत्र को ताम्रपत्र या स्वर्ण पत्र पर उत्कीर्ण करवाकर नित्य पूजा करें। *ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव* astroexpertsolution.com