**मृत्युञ्जय स्तोत्र** नारायणं सहस्त्राक्षं पद्मनाभं पुरातनम। प्रणतोsस्मि हृषीकेशं किं मे मृत्यु: करिष्यति।। गोविंदं पुण्डरीकाक्षमनन्तमजमव्ययम। केशवं च प्रापन्नोsस्मि किं मे मृत्यु: करिष्यति।। वासुदेवं जगद्योनिं भानुवर्णमतीन्द्रियम। दामोदरं प्रापन्नोsस्मि किं मे मृत्यु: करिष्यति।। शङ्खचक्रगदाधरं देवं छन्नरूपिणमव्ययम। अधोक्षजं प्रपन्नोsस्मि किं मे मृत्यु: करिष्यति।। वाराहं वामनं विष्णुम नरसिंहं जनार्दनम। माधवं च प्रपन्नोsस्मि किं मे मृत्यु: करिष्यति।। पुरुषं पुष्करं पुण्यं क्षेमबीजं जगत्पतिम। लोकनाथं प्रपन्नोsस्मि किं मे मृत्यु: करिष्यति।। भूतात्मानं महात्मानं जगद्योनिमयोजिनम। विश्वरूपं प्रपन्नोsस्मि किं मे मृत्यु करिष्यति।। सहस्रशिरसं देवं व्यक्ताव्यक्तं सनातनम। महायोगं प्रपन्नोsस्मि किं मे मृत्यु: करिष्यति।। मार्कण्डेयजी ने अपनी मृत्यु के निवारण के लिए अपने पितामह महर्षि भृगु जी के उपदेश पर भगवान श्री हरि विष्णु जी की आराधना करते हुए मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ किया हे सहस्रो नेत्रों से युक्त इन्द्रियों के स्वामी पुरातन पुरुष हे पद्मनाभ स्वामी आप नारायणदेव को मैं प्रणाम करता हूँ आपके शरण मे मृत्यु मेरा क्या कर लेगा हेअनंत हे अजन्मा हे अविकारी गोविंद कमलनयन भगवान केशव मैं आपकी शरण मे आ गया हूँ मृत्यु मेरा क्या करेगा हे संसार के उत्पत्ति के स्थान सूर्य के समान प्रकाशक हे इन्द्रियातीत वासुदेव सर्वव्यापी भगवान दामोदर मैं आपकी शरण मे हूँ मृत्यु मेरा क्या करेगा हे विकारों से रहित अब्यय स्वरूप शंख चक्र गदाधारी भगवान अधोक्षज मैं आपकी शरण मे हूं मृत्यु मेरा क्या करेगा हे वाराह हे वामन नृसिंह जनार्दन माधव भगवान श्री हरि विष्णु मैं आपकी शरण मेगया हूँ मृत्यु मेरा क्या करेगा हे परम पवित्र पुष्कर स्वरूप पुष्कल पूर्ण कल्याणबीज स्वरूप जगत प्रतिपालक लोकनाथ पुरुष्टोत्तम मैं आपकी शरण मे आ गया हूँ मृत्यु मेरा क्या कर लेगा हे समस्त भूतों के आत्मा महात्मा परमात्मा जगतयोनि जगत के उत्पत्ति के स्थान अयोनिज भगवान विश्वरूप श्री हरि मैं आपकी शरण में आ गया हूँ मृत्यु मेरा क्या कर लेगा हे सहस्र मस्तकों के युक्त व्यक्ताव्यक्त महायोगी सनातन देव मैं आपकी शरण मे आ गया हूँ मृत्यु मेरा क्या कर लेगा भगवान श्री हरि विष्णु जी की आराधना और मृत्युंजय स्तोत्र के पाठ से भगवान श्री हरि विष्णु जी ने प्रसन्न होकर मार्कण्डेय जी को अमरता का वरदान प्रदान कर अभय दान दिया।