गणेश चतुर्थी -- बप्पा को अर्पित करें ये चीजें ==========================Jyotishacharya . Dr Umashankar mishr-9415087711 दुर्वा घास- भगवान गणेश को दूब घास अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है. इस दिन दूब घास को गंगाजल से साफ करके इसकी माला बना लीजिए और भगवान गणेश को अर्पित करें। मोदक- गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय हैं ऐसे में आप जितने दिन भी गणेश जी को अपने घर में रख रहे हैं प्रत्येक दिन उन्हें मोदक का भोग जरूर लगाएं। केले- भगवान गणेश को केले भी काफी पसंद हैं ऐसे में भगवान गणेश को लगने वाले भोग में केले को जरूर शामिल करें। सिंदूर- गणेश जी को सिंदूर अर्पित किया जाता है. सिंदूर को मंगल का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में इस दौरान रोजाना भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं। भगवान गणेश की पूजा करने की विधि ========================= सबसे पहले भगवान गणेश का आह्वान करते हुए ॐ गणपतये नमः मंत्र का जाप करते हुए चौकी पर रखी गणेश प्रतिमा पर जल छिड़कें भगवान गणेश की पूजा में इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्री उन्हें एक-एक करके अर्पित करनी चाहिए भगवान गणेश की पूजा में उपयोग की जाने वाली विशेष वस्तुओं में हल्दी, चावल, चंदन, गुलाल, सिंदूर, मूली, दूर्वा, जनेऊ, मिठाई, मोदक, फल, माला और फूल हैं। इसके बाद भगवान गणेश के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करनी चाहिए पूजा में धूप और दीप जलाते समय सभी को आरती करनी चाहिए। पूजा के बाद इस मंत्र का जाप करें। ======================== हे विघ्नों के स्वामी, वर देने वाले, देवताओं को प्रिय, दीर्घ-पेट, जगत् के हितैषी हे नाग मुखी भगवान गणेश, गौरी के पुत्र, वेदों के यज्ञ से सुशोभित, मैं आपको नमन करता हूं। गणपतिजी की आरती ================== जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डूओं का भोग लगे, संत करे सेवा। जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बंजर को बेटा देना, गरीबों से प्यार करना। जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।