मंत्र जाप करते समय जरूर रखें इन बातों का ध्यान
Jyotishacharya Dr Umashankar Mishra--9415087711
!!श्रीराम जय राम जय जय राम!!
!!श्रीराम जय राम जय जय राम!!
ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जाप करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन मंत्र जाप के बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण हम कई गलतियां करते हैं, जिसके कारण हमें मंत्र जाप का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है। यदि मंत्र जाप का पूर्ण फल प्राप्त करना है तो इसके नियमों को ध्यान में रखना बहुत आवश्यक होता है।
मंत्र जाप करते समय इन नियमों का रखें ध्यान-
मंत्र जाप से पहले शुद्धि आवश्यक है इसलिए दैनिक क्रिया से निवृत्त होने और स्नानादि करने के पश्चात ही जाप करना चाहिए।
जाप के स्थान को भी भलिभांति साफ कर लेना चाहिए और एक स्वच्छ आसन पर बैठकर ही जाप करना चाहिए।
जाप के बाद आसन को इधर-उधर नहीं छोड़ना चाहिए और न ही पैर से हटाना चाहिए। आसन को एक जगह संभाल कर रख देना चाहिए।
मंत्र जाप के लिए कुश का आसन उत्तम माना जाता है, क्योंकि कुश ऊष्मा का सुचालक है,जिससे मंत्र जाप करते समय ऊर्जा हमारे शरीर में समाहित होती है।
साधारण रूप से जाप करने के लिए तुलसी की माला उत्तम रहती है लेकिन यदि किसी कार्य सिद्धि के लिए जाप किया जाए तो उक्त देवी-देवता के अनुसार ही माला लेनी चाहिए। जैसे भगवान शिव के लिए रुद्राक्ष तो लक्ष्मी जी के लिए स्फटिक या कमलगट्टे की माला श्रेष्ठ मानी जाती है।
मंत्र जाप करने के लिए एक शांत स्थान को चुनना चाहिए ताकि जाप में किसी प्रकार की कोई बाधा न पड़े और ध्यान न भटके।
जाप करने के लिए प्रातः काल का समय सबसे उत्तम रहता है, क्योंकि इस समय वातावरण शांत, शुद्ध और सकारात्मक रहता है।
यदि हमेशा जाप करते हैं तो प्रतिदिन एक ही स्थान और एक निश्चित समय पर भी मंत्र जाप करना चाहिए।
मंत्र जाप करते समय माला को खुला न रखें। माला सदैव गौमुखी के अंदर ढक कर ही रखनी चाहिए।
जाप की माला खरीदते समय भलिभांति देख लें कि उसमें 108 मनके होने चाहिए और हर मनके के बीच में एक गांठ लगी होनी चाहिए। ताकि जाप करते समय संख्या में कोई त्रुटि न हो।
जिस देवी-देवता का जाप कर रहे हैं उनकी छवि को मन में रखकर जाप करना चाहिए और नित्य कम से कम एक माला का जाप पूर्ण अवश्य करना चाहिए।
!! श्री महाराज !!
!!श्रीराम जय राम जय जय राम!!
!!श्रीराम जय राम जय जय राम!!
!!श्रीराम जय राम जय जय राम!!
!!श्रीराम जय राम जय जय राम!!
!! श्रीराम!!
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