अधिक मास की अमावस्या
======Jyotishacharya=Dr Umashankar Mishra==9415087711=9235722996===========
यह अमावस्या हर ०३ साल के बाद आती है। दरअसल हर तीन साल में एक बार अधिकमास लगता है और इस ३० दिन की अवधि में पड़ने वाली अमावस्या को अधिकमास की अमावस्या कहते हैं। इस बार अधिक मास की पितृ कार्य अमावस्या और देव कार्य अमावस्या Aaj१६ अगस्त को।
अधिक मास
अमावस्या समय-
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अमावस्या तिथि 15 अगस्त २०२३, मंगलवार को दोपहर 12:02 से शुरू और Aaj १६ अगस्त, बुधवार को dopahar 02:00 तक रहेगी।।
अतः पितृ कार्य अमावस्या और देव कार्य अमावस्या Aaj १६ अगस्त को रहेगी।
स्नान का विशेष महत्व-
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अमावस्या के दिन स्नान का विशेष महत्व। इस दिन तीर्थ स्थलों पर, पवित्र नदी व सरोवर में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। नदी- सरोवर में स्नान संभव न हो सके तो अपने घर पर नहाने वाले पानी में कुछ बूंदे गंगाजल की डालकर व पवित्र नदियों का स्मरण करते हुए स्नान संपन्न कर सकते हैं। (Aaj १६ अगस्त)
पितरों को जल
अर्पित करें-
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स्नान के बाद आप सबसे पहले पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य देव को जल अर्पित करें। उसके उपरांत दक्षिणी मुखी होकर जल के लोटे से अपने पितरों को जल दें। (16 अगस्त)
पितरों के नाम से दान-
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अमावस्या तिथि पर पितरों के नाम से दान करने से वे आपसे प्रसन्न होते हैं और आपको आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है कि अमावस्या तिथि पर हमारे पूर्वज हमारे आस-पास वायु के रूप में मौजूद रहते हैं और हमें देखकर प्रसन्न होते हैं। इस दिन उनकी पसंदीदा मिठाई, फल, वस्त्र, दक्षिणा किसी सात्विक प्रवृत्ति के ब्राह्मण को दान करना चाहिए (16 अगस्त, )।
दक्षिण में दीपक जलाएं-
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पितृ अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद दक्षिण दिशा में काले तिल डालकर सरसों के तेल का दीपक भी जलाना चाहिए। इससे पूर्वजों का मार्ग रोशन होता है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है (16 अगस्त, )
पीपल के पेड़ का उपाय-
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शास्त्रों की मान्यता है कि पीपल के पेड़ की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। अमावस्या के दिन सुबह स्नान करके पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। शाम के वक्त पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाकर परिक्रमा करें। इससे आपको आरोग्य की प्राप्ति होगी और आपके पितृ प्रसन्न होंगे ( १६ अगस्त)
संध्या के समय
दिपक जलाएं-
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अमावस्या के दिन संध्या के समय घर में शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान की आरती के दीपक में कपूर व लौंग डालकर भगवान की आरती उतारे। पूरे घर में गूगल जलाकर घूमाऐ। इससे घर वास्तु दोष दूर होते हैं और नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव खत्म होता है (, १६ अगस्त)।
तुलसी की पूजा- उपासना-
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तुलसी के नीचे शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और संभव हो सके तो १०८ प्रदक्षिणा करें। भगवान श्री विष्णु- लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है। १६ अगस्त, बुधवार।
ईशान कोण में
जलाएं घी का दीपक-
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अधिकमास की अमावस्या पर ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाकर रखें। ईशान कोण को देव स्थान माना गया है। कहते इस स्थान को रोशन करने से आपके घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है और देवतागण आपसे प्रसन्न होते हैं। इस दीपक में दो लौंग भी डाल दें। १६ अगस्त, बुधवार।
नमक का पोंछा लगवाएं-
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वास्तु शास्त्र में नमक का महत्व बहुत खास माना गया है। माना जाता है कि अमावस्या के दिन पानी में नमक डालकर पूरे घर का पोंछा लगवाने से घर से हर प्रकार की नकारात्मकता दूर होती है और आपके घर में खुशहाल बढ़ती है। पोंछा लगवाने के बाद इस पानी को घर के बाहर फेंक दें। इससे आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी। १६ अगस्त, बुधवार।
आर्थिक संकट दूर
करने का मंत्र-
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अगर आप पिछले काफी समय से आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं और काफी प्रयास के बाद भी धन से जुड़ी समस्या दूर नहीं हो रही है तो अधिकमास की अमावस्या दिन शुद्ध गाय का देसी घी जलाकर पूर्व मुखी बैठकर तुलसी की माला से १०८ बार गायत्री मंत्र का जप करें। आपकी धन संबंधी समस्या का शीघ्र समाधान निकलेगा और आपके बिगड़े कार्य बनने लगेंगे १६ अगस्त, बुधवार।
इन मंत्रों का कर
सकते हैं जप-
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पितृ व देव कार्य अमावस्या, दोनों ही दिन आप इन मंत्रों का एक- एक माला जाप कर सकते हैं। जिससे आपको अपने कुल देवी- देवताओं व पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता रहे।
०१. ॐ कुलदेवतायै नम:
०२. ॐ कुलदैव्यै नम:
०३. ॐ पितृ देवतायै नम:
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