•• असाध्य रोगों की दवा बन सकते हैं शुद्ध रत्न
Jyotish Aacharya . Dr Umashankar mishr-9415087711-9235722996
ज्योतिष की दुनिया में रत्नों का भी अपना अलग महत्व है। आपकी कुंडली के बहुत से दोष केवल रत्न धारण करने से ही मिट सकते हैं, वहीं दूसरी ओर अगर कुंडली में ग्रहों की खराब दशा की वजह से आपको भविष्य में बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है। तो रत्नों की सहायता से उनके प्रभाव में उल्लेखनीय कमी भी आ सकती है।
ग्रहों की दशा
रत्नों का लाभ केवल ग्रहों की बुरी दशा की वजह से भविष्यगत परिणामों को ही परिमार्जित करने में नहीं है, बल्कि ये रत्न आपके स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं।
• स्वास्थ्य के लिए जरूरी-
यूं तो कई बार आपको आपके परिवारवालों या फिर किसी ज्योतिष ने रत्न धारण करने की सलाह दी होगी, पर अगर आप स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो अब वक्त है उनके सुझावों और सलाहों
पर अमल करने का, क्योंकि उनके सुझाव आपके स्वस्थ जीवन से जुड़ी बहुत सी परेशानियों के समाधान का जरिया बन सकते हैं।
• किरणें और ऊर्जाएं-
रत्नों से निकलने वाली किरणें और ऊर्जाएं आपके पूरे शरीर पर अपना प्रभाव छोड़ती हैं, ये प्रभाव अलग-अलग रत्नों की किरणों का अलग-अलग होता है।
कौन सा रत्न धारण करना आपके स्वास्थ्य से जुड़ी किस समस्या को सुलझा सकता है।
• माणिक्य-
सिंह राशि का यह रत्न कुंडली में सूर्य से जुड़े दोषों को दूर करता है। कुंडली में सूर्य की स्थिति कैसी है,
उसके आधार पर माणिक्य धारण किया जाता है।
इसके अलावा यह सिर, हृदय, पेट और नेत्रों को प्रभावित करता है।
• मधुमेह की बीमारी-
अगर किसी व्यक्ति को ब्लड प्रेशर या मधुमेह की समस्या है तो ऐसे हालातों में यह रत्न फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा पीठ दर्द, कान से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी इस रत्न को धारण कर किया जा सकता है।
• नीलम-
कुंभ और मकर राशि का यह रत्न शनि के प्रभाव को कम करता है। इस रत्न को धारण करने से दाम्पत्य सुख में तो बढ़ोत्तरी होती ही है साथ ही साथ ट्यूमर, जोड़ों के दर्द, घाव में सड़न होना, सांस या अंडकोष से जुड़ी बीमारियों को सुलझाता है।
• मोती-
कर्क राशि वालों के लिए यह रत्न बहुत फायदेमंद साबित होता है। यह चंद्र से जुड़ा रत्न है जो त्वचा, सांस और मस्तिष्क से जुड़े रोगों को दूर करता है। मोती धारण करने से पाचन तंत्र से जुड़ी सम्स्याएं भी दूर होती हैं ।
और साथ ही यह रत्न आपको भावनात्मक तौर से भी संतुलित रखता है।
• संतुलित रखना
अगर आप बहुत भावुक या संवेदनशील स्वभाव वाले व्यक्ति हैं तो स्वयं को शांत रखने और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने के लिए आपको मोती धारण करना चाहिए।
• पुखराज-
धनु राशि का यह रत्न कुंडली में बृहस्पति से जुड़े दोषों को शांत करता है। यह दांपत्य जीवन को सुखमय बनाता है और साथ ही गर्भाशय और जननांगों से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
• क्रोध को शांत करता है-
इसके अलावा किडनी, लीवर, जोड़ों का दर्द, गैस की परेशानी, हड्डियों में दर्द जैसी समस्याओं में भी लाभ पहुंचाता है। अगर आपको बहुत ज्यादा क्रोध आता है,
तो ऐसे में भी ये रत्न आपके बहुत काम आ सकता है।
• गोमेद-
राहु के प्रभाव को शांत करने के लिए ज्योतिषशास्त्री गोमेद धारण करने की सलाह देते हैं। जिन लोगों की कुंडली में राहु नुकसान पहुंचाने की स्थिति में होता है उन्हें गोमेद पहनना चाहिए। इसके अलावा 4 मूलांक वाले लोग भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
• मस्तिष्क की समस्याएं-
इस रत्न को धारण करने से आप मस्तिष्क, श्वास, जननांग, पेट, हृदय तथा तंत्रिकाओं से जुड़ी समस्याओं से खुद को बचा सकते हैं।
• पन्ना-
पन्ना रत्न, कन्या राशि वालों के लिए शुभ माना जाता है, इसके अलावा जिन लोगों का मूलांक 5 होता है ।
वे भी इसे धारण कर सकते हैं। बुध ग्रह का प्रतीक होने की वजह से यह रत्न दिमागी विकार, कान और दृष्टि से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
• हीरा-
शुक्र ग्रह की समस्याओं को हीरा धारण कर दूर किया जा सकता है। साथ ही मूलांक 6 और तुला राशि वाले भी हीरे को धारण कर सकते हैं। शुक्राणुओं की कमी, नशे की आदत या किसी प्रकार के चर्मरोग को दूर करने में यह रत्न कारगर सिद्ध होता है।
• उचित सलाह जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात में कोई शक नहीं है कि रत्न, कुंडली की समस्याओं को बहुत हद तक कम कर देते हैं। लेकिन किसी अच्छे जानकार के सुझाव के बिना इन्हें धारण करना नकारात्मक प्रभाव भी दे सकता है। इसलिए पढ़ या सुनकर, बिना उचित सलाह के इन नगों को धारण करने से बचें।
•• अज्ञानता में कोई भी रत्न - उपरत्न साधारण ना करें।
अन्यथा आप को अकारण ही विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके परिणाम दूरगामी भी होते हैं।
अतः अपनी दूविधाओ और बीमारियों को देखते हुए किसी विद्वान और अनुभवी ज्योतिषीय के परामर्श पर ही धारण करे और अप्रत्याशित लाभ उठाएं ।
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