राहु क्या है, Jyotishacharya Dr Umashankar mishr-9415087711 यह समझना हम सभी के लिए जरूरी है। और यह क्या-क्या करता है, इसका अस्तित्व कहां पर है और हमारे जीवन से रिश्ता है। यह कैसे हमारे जीवन में काम करता है और हमको ऊंचाई भी देता है और नीचे भी देता है। जो लोग ज्‍योतिष के विश्‍वास रखते हैं उनके लिए राहु नया शब्‍द नहीं है। सच तो यह है कि कई लोग राहु के डरते हैं। इसका कारण उनकी कुंडली में राहु का भारी होना है। अधिकांश लोगों के मन में यह सवाल आता है कि राहु के होने का क्‍या अर्थ है एवं कैसे वे इसका उपाय कर सकते हैं। कई लोग ज्यादातर पर राहु के बारे में बारीकी से सोचते रहते है, यहां तक कि ज्योतिष भी राहु से डरते हैं। आज तक राहु को कोई बस में नहीं कर सका है। बहुत सारे लोग राहु के उपाय देते हैं। उपाय करते हैं। कई लोगों के उपाय ज्यादातर काम ही नहीं करते हैं। कोई पूजा भी काम नहीं करता। राहु किसी भी घर में किसी भी कुंडली के किसी भाव में रहने दो वह दुष्परिणाम देता ही है इसलिए लोग ज्यादातर पर परेशान होते हैं। ज्यादातर लोग पूजा-पाठ करके, मंदिर में चक्कर काटकर, कई उपाय करते हैं। नग पहनना, जाप मंत्र जाप करना आदि प्रयास करते हैं। लोग राहु को खुश करने की कोशिश करते हैं। हमको बारीकी से सोचना है कि हम किस प्रकार से हमको जीवन से राहु अच्छा फल देगा। कलयुग में राहु का मत हो जाता है। जब राहु देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। जब कुंडली में राहु चलता है तो अन्य ग्रहों की कोई मजाल नहीं है उसको रोके। जब राहु बिगड़ जाता है तो किसी के ग्रह अभी या किसी भी तरक्की उपाय को रहो रुक नहीं जाता है उसको नीचे का रास्ता बताएं देते हैं। कलयुग में राहु सर्वश्रेष्ठ माना गया है ज्यादा उसका व्याप्ति हर जहां में हर जहां में उसकी समाया हुआ है। राहु बिगड़ने के लक्षण क्या है यह पहले हम देखते हैं पहले हमको इस बात का अभ्यास करना पड़ेगा कि राहु बिगड़ता क्यों है और इसकी क्या वजह है। हमारे जीवन में राहु का प्रवेश कैसे होता है और उसका फल कैसे मिलता है अच्छा या बुरा यह भी देखना जरूरी है। राहु ससुराल का कारक है। राहु नाली में बसता है। गंदगी में बसता है। सफाई कर्मचारी राहु के होते हैं। नौकरी वर्ग जो होता है, वह भी राहु का होता है। राजनीति में मेरा होता है फिर जो हम अभी हम सब लोग मोबाइल लैपटॉप या उसके माध्यम जो इंटरनेट चलता है वह एक राहु चलाता है। वह ग्रहों की ताकत है और हमको ग्रह गोचर को जोड़ने का काम राहु करता है। राहु एक कनेक्टिविटी है जो दो लोगों के बीच में रखता है। अब थोड़ी गौर करने वाली बात यह है की राहु असलियत में मूल स्वरूप पति स्थान पत्नी स्थान तथा प्रेमी के स्थान में होता है और ज्यादा कहे इसके आगे तो हमारे जिस भी इंसान के साथ शारीरिक संबंध होते हैं। शादी के बाद हो या शादी के पहले हो वह इंसान हमारे जीवन में राहु के रूप में गिनती में आता है यह बात आप को गौर से देखने होगी हम इस बात को ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। असल बात यह है कि अगर किसी स्त्री जातक के जीवन में शादी से पहले या शादी के बाद किसी भी व्यक्ति से शारीरिक संबंध होते हैं तो वह व्यक्ति उस स्त्री के जीवन में राहु के रूप में चलता रहता है। निरंतर चलता रहता है और वह स्त्री उस इंसान के अच्छे या बुरे ग्रह अपने शरीर के अंदर लेकर चलती रहती है उसके बुरे परिणाम उस स्त्री को देखते हैं मिलते भी हैं लेकिन वह बता नहीं पाती ना उसे समझ में आता है, कि मेरे साथ क्या हो रहा है क्योंकि राहु भ्रमित करता है। राहु का संबंध हमारे शारीरिक संबंध से बहुत जुड़कर है उसी से हमारे जीवन में राहु प्रवेश करता है किसी स्त्री या पुरुष के जीवन में राहु प्रवेश करता है। वही से राहु की अच्छी बुरी फलादेश देना चालू हो जाता है। अगर किसी स्त्री जाति के शादी से पहले संबंध होता है उसकी शादी किसी के साथ होती है तो वह राहु उसने राहु उसके जीवन में चलते हैं और उस स्त्री को राहु जीवन में कभी भी स्थिर नहीं होने देते। यह देखा गया है कि अगर शादीशुदा होती है जिंदगी किसी स्त्री की तो इस शादी के बाद होता चाहे हमारी शारीरिक संबंध बनते हैं तो इसमें दो ही बातें सामने निकल कर आती है। एक तो शादी होने के बाद दोनों भी पति पत्नी ऊंचाई प्राप्त करते हैं। धन कमाते हैं। घर से औरत नाम दोनों हाथ में लग जाता है और दोनों सुखी जीवन बिताते हैं। एक यह बात होती नहीं है तो दूसरी बात यह होती है कि शादी होने के 2 महीने के बाद ही सब कुछ डूबने लगता है दोनों को समझ में नहीं आता है क्या करने जाता है। मैंने देखा है कि कई जातकों की शादी के बाद नौकरी गई है। घर बर्बाद हुए हैं ससुराल में झगड़ा हुआ है पैसे की कमी आई है तो यह ऐसा होता है । इसमें राहु का बड़ा दोष होता है, क्योंकि वह स्त्री को या वह पुरुष को वह स्त्री जातक राहु के लायक नहीं है या राहु उसका उन दोनों का अलग या भविष्य या तकदीर नहीं खोल पा रहा है। राहु एक छाया ग्रह है वह व्यक्ति अगर राहु से पीड़ित हो तो उसकी उसकी पीड़ा भी आपको भुगतनी पड़ेगी। हमारे ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि राहु एक छाया ग्रह है किसी भी ग्र ग्रह के में के साथ अगर राहु विराजमान होता है तो उसी ग्रह को राहु अपने छाया से उसकी शक्ति कम करता है जो आज तक पूरी तरह से देखा गया है। ठीक उसी तरह मित्रों अगर भले आपकी शादी कुंडली मिलन के साथ अच्छे गुण मिलन के साथ हुई हो लेकिन राव उसके अच्छे सीसी में नहीं है तो किसी भी पति-पत्नी के जीवन में सुख समृद्धि नहीं आएगी क्योंकि राहु एक छाया ग्रह है, वह एक दूसरे के ऊपर बुरी छाया डालते चलता है। जो लोग कोर्ट में आपस में पति-पत्नी लड़ रहे हैं डिवोर्स की मांग कर रहे हैं स्त्री पुरुष से तलाक के लिए पैसे मांगती हैं, यह सब राहु का ससुराल को तकलीफ देने का काम है। इस जन्म में नहीं लेकिन अगले जन्म में फिर से राहु वही फल देगा जो भी स्त्री अपने यह जो भी पुरुष अपने ससुराल तो तकलीफ देता है। उसका राहु निरंतर खराब हो सकता है।