आखिर तंत्र विद्या क्या और यह कैसे काम करती है--------- jyotishacharya. Dr Umashankar mishr--9415087711 तंत्र की दो साधना कई लोग तंत्र, तांत्रिक, जादू टोने का नाम सुनते ही डरने लगते हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कुछ स्वार्थी लोगों ने सीधे-साधे लोगों को डराने-धमकाने के लिए भी तंत्र क्रिया या तांत्रिकों के बारे गलत प्रचार किया। इसी कारण लोग बिना सही जानकारी के इससे डरने लगे। लेकिन वास्तव में तंत्र विद्या में तो तरह की साधनाएं होती है और दोनों के कार्य भी अलग-अलग माने जाते हैं। जानें तंत्र है क्या चीज। तंत्र शास्त्र में दो तरह की साधनाओं का वर्णन मिलता है- पहली दक्षिणमार्गी और दूसरी वाममार्गी। तंत्र साधना, तंत्र क्रिया को वाममार्गी साधना कहते हैं, जो असाधारण और भयावह होती है। लेकिन इस तंत्र साधना का परिणाम तुरंत मिलता है। असाधारण प्रयत्य करने पर इसकी प्रतिक्रिया भी असाधारण होती है। तांत्रिक साधना प्रकृति में छिपी शक्ति पर अधिकार करने का एक उपक्रम है। इस दौरान व्यक्ति के साथ जो भी घटित होता है वह अचानक ही होता है जिसकी की वह कल्पना नहीं कर सकता। यदि कोई साधक बिना जानकारी और तैयारी के तंत्र क्रिया करता है और उसमें कोई गलती हो जाती है तो ऐसे में उक्त साधक की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए तंत्र साधना करने वाला साधक इस साधना को करने से पहले स्वयं को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और शक्तिशाली बनाता है। क्योंकि तांत्रिक साधना करने के वाले को साधना काल में कभी-कभी डरावने, भूत, प्रेत, पिशाच, देव, दानव जैसी आकृतियां भी दिख सकती है।