ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गण का क्या मतलब होता है, यदि किसी व्यक्ति का गण राक्षस है तो इसका क्या मतलब है, क्या उसका व्यवहार राक्षसी प्रवृत्ति का होगा? Jyotishacharya Dr Umashankar Mishra 9415087711-9235722996 💢 3 गण होते हैं 💢 1. राक्षस गण 2. मनुष्य गण 3. और देव गण गणों की सबसे ज्यादा आवश्यकता विवाह मिलान के समय पड़ती है * प्रत्येक मनुष्य को गण के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा गया है * * देव गण, मनुष्य गण और राक्षस गण। * * गण के आधार पर मनुष्य का स्वभाव और उसका चरित्र बताया गया है। * * जन्म के समय मौजूद नक्षत्र के आधार पर व्यक्ति का गण सुनिश्चित किया जाता है। विवाह में गुण मिलान में भी गण को 36 में से 6 अंक दिए गए है। 💐#देव गण --, इंटेलेक्चुअल होते हैं। दुसरो की बात जल्दी समझ लेते हे। सभ्य होते है। मान सम्मान की चाहत पैसे से अधिक होती है इन्हें वैसे तो सीधे होते है पर मान सम्मान पर बात आती है तो ये भी उग्रता दिखा ही देते है। 💐💐 #मनुष्य गण, -- मनुष्य गण जैसा की शव्दों से ही प्रतीत हो रहा है। मनुषयो जैसा स्वाभाव चरित्र बताया गया है। पर अनुभव के अनुसान दोनों अन्य गणों का समिश्रण ही हे ये गण मनुष्य गण के लोग मेहनती होते है। अच्छा स्वाभाव होता है इनका दुसरो को सलाह अच्छी देते है। समझदार होते है। कम में संतुष्ट हो जाते हैं। 💐💐राक्षस गण,-- अपने विचारों को लेकर ये काफी जड़ होते है। #जिद्दी होते है। जो ठान लिया वो करना है निडर साहसी होते है। साथ ही नेगटिव पावर्स को फील कर पाने की अद्भुत क्षमता होती है। इनमे डिज़ायर बहुत हाई होते हैं। भुखः बहुत होती है। आज के समय के हिसाब से ये गण सबसे अच्छा हैं। देखा जाये तो 💐💐राक्षस गण का विचार करते समय सवसे पहले #लगन को देखे यदि वहा #सौम्य ग्रहो का प्रभाव है तो राक्षस गण वाला कॉन्सेप्ट पूरी तरह उस व्यक्ति पर नही लगता क्योकि फिर स्वाभव में सौम्यता आ जाती है। 💐💐