भाग्य चमकाने से लेकर बीमारी तक को मिटाता के लिए कैसे पहने पुखराज?-------- Jyotishacharya Dr Umashankar mishr-9415087711-9235722996 आज के समय में कई लोग रत्न पहनना पसंद करते हैं। आप सभी ने कई लोगों के हाथों में रत्न देखे होंगे। इस लिस्ट में एक नाम पुखराज का भी शामिल है। यह एक चमकदार रत्न है। जी हाँ और यह लगभग जितने पुष्प है उतने रंगो में उपलब्ध है और इसी के चलते इसका दूसरा नाम पुष्पराज भी है। आपको बता दें कि यह पंच महारत्नो की संज्ञा में आता है, हालाँकि यह बहुत दुर्लभ है। जी दरअसल शास्त्रो में तथा अलग- अलग ग्रन्थो में पुखराज के महत्व बताये गये हैं और आज हम आपको बताएंगे इसको पहनने के फायदे।
भाग्य वृद्धि – पुखराज गुरु ग्रह का रत्न है तथा गुरु को कालपुरुष के नवम स्थान का कारक कहा जाता है। जी हाँ और ज्योतिष शास्त्र में नवम भाव को भाग्य स्थान की संज्ञा प्राप्त है। पुखराज के प्रयोग से गुरु के दोषो को दूर कर भाग्य वृद्धि की जा सकती है। यह भाग्य बढाने वाला रत्न हैं । दरिद्र्ता नाशक या कर्जमुक्ति- पुखराज पांच रत्नों में प्रमुख स्थान रखता है। ऐसे में पुखराज को स्वर्ण में धारण किया जाता है। वहीँ शास्त्रों में उल्लेखित है कि जहां पंचरत्न में से कोई रत्न विधमान है या स्वर्ण का वास है वहां दरिद्रता कभी वास नही करती।
शिक्षा- जिस जातक की कुंडली में गुरु पीड़ित अवस्था में हो उस जातक को शिक्षा के मामले में अनेक दिक्कतों का सामना करना पडता है। पुखराज गुरु के दोषों को दूर करने में सक्षम है।
कन्या विवाह- जिस कन्या का विवाह न हो रहा हो उसे पुखराज स्वर्ण में पहनाकर भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिये। कहा जाता है ऐसा करने से कन्या विवाह संबंधी समस्यायें तुरन्त दूर हो जाती है।
मान सम्मान में वृद्धि- कहा जाता है पुखराज का धारण करना मान सम्मान में वृद्धि करता है।
जटिल रोग नाशक- जिन रोगों का बार-बार डॉक्टर को दिखाने पर भी लाभ नही मिल पा रहा हो या दवाईयां काम न कर रही हो तो उन रोगों की शांति के लिये पुखराज धारण करना लाभदायक होता है।
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