कैसे नहाने से नौ ग्रहों की शांति हो
Jyotishacharya. Dr Umashankar Mishra-9415087711-9235722996
हमारे दैनिक जीवन में नहाने का बड़ा महत्व है।
जैसे ही हम नहाते वैसे ही हमारे अंदर एक अद्धभुत प्रकार की ऊर्जा का संचार हमारे शरीर में होने लगता है।
इसलिए हमारे महान् ऋषिमुनियों ने तंत्र-मंत्र-यंत्र के मध्यम से अद्धभुत नहाने की पद्धाति को अर्थक परिश्रम सें खोज निकाला।
जिनके मध्यम से हमारे शरीर में पढ़ने वाले ग्रहों,
नक्षत्रों अषुभ एवं शुभ प्रभाव को हम कैस नियंत्रित करे सके। इसी कड़ी में सातवार के नहाने
की पद्धाति के बारे में मैनें नीचे बताने
का प्रयास किया है।
1. सोमवार -
इस दिन प्रातः काल के समय नहाने के
पानी में दही डालकर नहाने से चंद्रमा ग्रह से संबधित अषुभ प्रभाव बहुत ही तेज गति से कम होेने लगते है।
और शुभ प्रभाव धीरे - धीरे बढ़ने लगते है।
2. मंगलवार:
इस दिन प्रातः काल के समय नहाने के
पानी में पीसी हुई मंसूर दाल को डालकर नहाने से मंगल ग्रह से संबधित अषुभ प्रभाव बहुत ही तेज गति से कम होने लगते है और शुभ प्रभाव धीरे - धीरे बढ़ने लगते है।
3. बुधवार:
इस दिन प्रातः काल के समय नहाने के
पानी में हरी दूबी या दूर्वा घास की रस को डालकर नहाने से बुध ग्रह से संबधित अषुभ प्रभाव बहुत ही तेज गति से कम होने लगते है और शुभ प्रभाव धीरे - धीरे बढ़ने लगते
है।
4. गुरूवार:
इस दिन प्रातः काल के समय नहाने के
पानी में पीली हल्दी या पीला सरसों को डालकर
नहाने से गुरू ग्रह से संबधित अषुभ प्रभाव बहुत
ही तेज गति से कम होने लगते है और शुभ प्रभाव
धीरे - धीरे बढ़ने लगते है।
5. शुक्रवार:
इस दिन प्रातः काल के समय नहाने के
पानी में पीली हल्दी, दही और दूध को एक साथ डालकर नहाने से शुक्र ग्रह से संबधित अषुभ प्रभाव बहुत ही तेज गति से कम होने लगते है और शुभ प्रभाव धीरे -
धीरे बढ़ने लगते है।
6. शनिवार:
इस दिन प्रातः काल के समय नहाने के
पानी में काली हल्दी या काला तिल को पीस कर नहाने से शनि ग्रह से संबधित अषुभ प्रभाव बहुत ही तेज गति से कम होने लगते है और शुभ प्रभाव धीरे - धीरे बढ़ने लगते है।
7. रविवार
: इस दिन प्रातः काल के समय नहाने के
पानी में बेल के पत्ते को पीस कर नहाने से रविवार ग्रह से संबधित अषुभ प्रभाव बहुत ही तेज गति से कम होने लगते है और शुभ प्रभाव धीरे - धीरे बढ़ने लगते है।
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