नेत्र रोग विचार ..- Jyotishacharya . Dr Umashankar mishr-9415087711-9235722996 कुछ लोगों कीं जन्म से आँखें खराब होती है ..कुछ लोगों को बाद में समस्याएं आती है ...लेकिन कारण क्या होते है ..आइए समझे ..👇 किसी भी कुंडली में सूर्य चंद्र आंखों के कारक होते है ..जैसे बिना हेड लाइट ..गाड़ी नहीं चल सकती है ऐसे ही सूर्य और चंद्र जीवन में नेत्र रोशनी से लेकर संपूर्ण जीवन को रोशन करते है ..इनके खराब होते ही अनेक तकलीफ शुरू ..होती है . किसी भी कुंडली में ..👇 दितिय भाव से दायीं आंख तथा द्वादश भाव से बायीं आंख का विचार किया जाता है अत सूर्य /चंद्र //दितिय भाव / द्वादश भाव पाप प्रभाव / पाप दृष्टि में हो / य़ा इन भावों में सूर्य चंद्र अशुभ स्थिति य़ा ग्रहण दोष में हो तो नेत्र ज्योति क्षीण हो जाती है चश्मा लगवाना पड़ता है .. अगर जन्म इन भावों से संबंधित दशा में हो ..तो समस्या जन्म से ..और बाद में दशा लगने पर बाद में समस्या उत्पन्ऩ होती है उपाय -चाक्षुषोपनिषद स्तोत्र व आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ अति लाभदायी है व साथ ही कुंडली अनुसार उपाय करने से पूर्ण लाभ होता है