पित्रदोष का कारण है राहु Jyotishacharya . Dr Umashankar mishr-9415087711 पांचवे स्थान का राहु पितृदोष बनाता है। संतान के जन्म होने में परेशानी खड़ी करता है। अधिक आयु में संतान का जन्म होता है। भगवान शिव का पूजन करने से इस दोष से मुक्ति मिलती है। छठे घर का राहु होने से व्यक्ति के शत्रु अपने आप ही रास्ता बदल लेते हैं। सातवे घर का राहु वैवाहिक जीवन में काफी उतार-चढ़ाव लाता है। आठवे घर का राहु अच्छा नहीं माना गया हैं। ज्योतिष में आठवे घर के राहु के लिए कहा गया है कि किसी बीमारी या एक्सीडेंट की वजह से शरीर को कष्ट मिलता हैं। ऐसे राहु के कष्ट से बचने के लिए अष्टधातु का कड़ा अपने हाथ में पहनना चाहिए। साथ ही एक नारियल हर शनिवार नदी में बहाना चाहिए। हर शनिवार को शिव मंदिर में दीपक जलाएं। ऊँ जूं सः मंत्र का जप 108 बार करें।