भोजन और वास्तु सिद्धांत
Jyotishacharya . Dr Umashankar mishr-9415087711
1) भोजन सर्वदा पूर्व अथवा उत्तरकी ओर मुख करके
करना चाहिये।
2) दक्षिण अथवा पश्चिमकी ओर मुख करके भोजन
नहीं करना चाहिये।
3) दक्षिणकी ओर मुख करके भोजन करनेसे उस भोजनमें
राक्षसी प्रभाव आ जाता हैं।
4) जो बिना पैर धोये भोजन करता हैं, जो
दक्षिणकी ओर मुँख करके खाता हैं अथवा जो सिरमें
वस्त्र लपेट कर (सिर ढककर) खाता हैं, उसके द्वारा
ग्रहण किये गये अन्न को सदा प्रेत ही खाते हैं ।
5) जो दक्षिणकी ओर मुख करके भोजन करता है तथा
जो चप्पल-जूते पहने भोजन करता हैं, उसके द्वारा ग्रहण
किये गये भोजन को आसुर समझना चाहिये।
6) पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से व्यक्ति की
आयु बढ़ती हैं।
7) दक्षिण की ओर मुख करके भोजन करने से प्रेत तत्व
की प्राप्ति होती हैं।
8) पश्चिम की ओर मुख करके भोजन करने से व्यक्ति
रोगी होता हैं।
9) उत्तर की ओर मुख करके भोजन करने से व्यक्ति की
आयु तथा धन की प्राप्ति एवं वृद्धि होती हैं ।
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