आज करें ये आसान उपाय, धन-संपत्ति में होगी वृद्धि Jyotishacharya Dr Umashankar mishr 9415 087711 92357 22996 हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है। कहते हैं कि अगर माता लक्ष्मी किसी से रुष्ट हो जाएं तो उसके घर में सुख-समृद्धि नहीं रहती और दरिद्रता निवास करने लगती है। शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह और माता लक्ष्मी को समर्पित है। माता लक्ष्मी धन-धान्य, ऐश्वर्य, सुख, समृद्धि, सफलता सब कुछ देने वाली हैं। वहीं शुक्र ग्रह को धन, संपदा और भौतिक सुख का कारक माना गया है। आज आप माता लक्ष्मी और शुक्र ग्रह से जुड़े कुछ आसान उपाय करके अपनी उन्नति का मार्ग खोल सकते हैं। आइए जानते हैं धन, संपत्ति, सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति के बारे में। शुक्रवार के उपाय 1. आज शुक्रवार की शाम को माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा करें। माता लक्ष्मी को कमलगट्टा, कमल का फूल, लाल ग़ुलाब और सफ़ेद मिठाई या खीर अर्पित करें। मान्यता है कि इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन, संपत्ति में वृद्धि का आशीष देती हैं। 2. यदि आप धन के अभाव से परेशान हैं और आर्थिक परिस्थिति ख़राब है, तो आप शुक्रवार के दिन लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। कहते हैं कि माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इंद्र देव ने लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ किया था। 3. अगर आपके धन और संपत्ति में वृद्धि नहीं हो रही है, धन का आगमन रुका हुआ है, तो ऐसे में आप शुक्रवार को पूरे मन से कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। कनकधारा स्तोत्र को बहुत ही चमत्कारी बताया जाता है। 4. माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना है तो शुक्रवार के दिन श्री यंत्र और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें, फिर श्री सूक्त का पाठ करें। इससे धन संकट दूर हो सकता है और आर्थिक स्थिति पहले से मज़बूत हो सकती है। 5. शुक्र ग्रह के मंत्र ‘ओम द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:’ का जाप कम से कम 5 माला या 21 माला करें। इससे कुंडली में शुक्र की स्थिति मज़बूत हो सकती है और साथ ही सुख-समृद्धि के अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं। 6. धन, संपत्ति एवं सुखी जीवन की प्राप्ति के लिए आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं। यह व्रत कम से कम 21 शुक्रवार रखना होगा। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें और शुक्र ग्रह के मंत्रों का जाप करें। 7. शुक्र को प्रबल करने के लिए सफ़ेद वस्त्र पहनें, इत्र लगाएं, साफ़-सफ़ाई रखें और महिलाओं का सम्मान करें। सफ़ेद वस्त्र, चीनी, श्रृंगार सामग्री, चावल, घी, कपूर, दही आदि का दान करें।