#असली केसर की पहचान Jyotishacharya Dr Umashankar Mishra-9415087711 #असली_केसर की पहचान होना बहुत जरुरी है। क्योकि एक तो केसर बहुत ज्यादा महँगा है। कह सकते हैं कि केसर को हम सोने के भाव पर खरीदते है। इसके अलावा असली केसर में ही वो खुशबू और गुण होते है जो हमें चाहिए । असली केसर या शुद्ध केसर से ही औषधीय गुण प्राप्त हो सकते है और असली शुद्ध केसर ही लाभदायक होती है । इसलिए खुद को ठगे जाने से बचाने के लिए असली और नकली केसर का फर्क जानना बहुत जरुरी है। असली केसर पहचानने के तरीके से आप खुद आसानी से असली और नकली केसर में अंतर कर पाएँगे #केसर को चखें यदि इसका स्वाद मीठा लगे तो केसर नकली है। क्योकि असली केसर का स्वाद कड़वा होता है। असली केसर में अनोखी भीनी -भीनी खुशबू होती है जो मन को भाती है। ये कुछ असली शहद जैसी होती है।असली केसर के रेशे को पानी में दस पंद्रह मिनट रखकर निकालें। यदि रेशे का रंग वैसा ही रहे तो ये असली है और यदि रेशे का रंग फीका हो जाये तो नकली होती है।पानी में बेकिंग सोडा (खाने का सोडा ) डालें। इसमें केसर डालें। यदि पानी का रंग पीला हो जाता है तो केसर असली है। यदि पानी का रंग लाल होता है तो नकली है।केसर को पानी में डालें। यदि पानी में तुरंत रंग आ जाये तो केसर नकली है। असली केसर धीरे धीरे रंग छोड़ता है ।केसर हल्के गर्म पानी में पूरी तरह से घुल जाता है। यदि रेशे को पानी बहुत देर तक रखने पर भी ना घुले तो केसर को नकली समझना चाहिए।पानी में असली केसर डालने पर गहरा पीला रंग देता है। नकली केसर पानी में लाल रंग देता है।केसर के रेशे को पानी में भिगोकर सफ़ेद कपड़े पर हल्का सा रगड़ें तो कपड़े पर यदि पीला केसरिया रंग दिखाई दे तो केसर असली होता है। नकली केसर को इस प्रकार रगड़ने से लाल रंग का दाग दिखेगा , बाद में ये कपड़े का दाग पीला पड़ सकता है। #केसर खाने के गुणकारी फायदे ज्यादातर हम केसर का नाम तभी सुनते हैं जब गर्भवती महिला को अक्सर गर्भावस्था के दौरान घर के बढे बूढ़े प्रतिदिन केसर युक्त दूध पीने की सलाह देते हैं ताकि होने वाल्ए बच्चे का रंग साफ रहे। लेकिन खुशबू और रंग फैलाने वाला प्राकृतिक गुणों से भरपूर केसर को खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं है। अब यह आम लोगों के लिए दूर की कौड़ी बन चुका है। अगर भारत में केसर की कीमत के बारे में जाने तो तो 2 लाख रुपये प्रति किलो हो चुका है। #केसर की खेती फ्रांस, स्पेन, भारत, ईरान, इटली, ग्रीस, जर्मनी, जापान, रूस, आस्ट्रिया, तुर्किस्तान, चीन, पाकिस्तान के क्वेटा एवं स्विटजरलैंड में केसर उगाए जाते हैं। उधर भारत में केसर की खेती जम्मू और कश्मीर में होती है। हालांकि केसर की बढ़ती कीमत को देखते हुए इसकी तस्करी भी की जाती है। वैसे केसर इतना किमती क्यों है इसका अंदाजा आप इसके फायदों को जानकर लगा सकते हैं। #केसर के फायदे घाव को भरता है कुंकुम, जाफरान अथवा सैफ्रन के नाम से मसहूर केसर चोट लगने पर या त्वचा के झुलस जाने पर बेहतर दवाई के रूप में काम करता है। इसके अलावा त्वचा रोग होने पर, खरोंच और जख्मों पर केसर लगाने से जख्म जल्दी भरते हैं। #उर्जा को बढ़ाता है केसर न केवल शरीर को उर्जा प्रदान करता है बल्कि पुरुषों के यौन शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है। केसर, शहद और बादाम से पुरुषों में यौन शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है #पेट संबंधित विकारों को करे दूर अपच, पेट में दर्द, वायु विकार ये कुछ ऐसी समस्या हैं जिससे परिवार का कोई न कोई सदस्य पीड़ित रहता है। अगर आप नियमित रूप से केसर का उपयोग करते हैं तो पेट संबंधित अनेक रोगों को आप दूर कर सकते हैं। #मस्तिष्क को शीतलता सिर के दर्द को दूर करना है, नेत्र और मस्तिष्क को शीतलता पहुंचानी, या मन को शान्त और ऊर्जा से भरना है तो चन्दन को केसर के साथ घिसकर इसका लेप अपने माथे पर लगाएं। इसकी क्षमता इतनी है कि इससे नाक से रक्त गिरना बन्द हो सकता है। #ठंडऔरबुखार को करे दूर एक गिलास दूध में एक चुटकी केसर और एक चम्मच शहद डालकर यदि आप पीते हैं तो आपको ठंड नहीं लगेगी और आप अच्छी नींद भी ले सकते हैं। इसका लेप छाती और गर्दन पर लगाने से सर्दी, जुकाम और बुखार में राहत मिलती है। #केसर और दूध के फायदे केसर और दूध का मिलाप काफी चर्चित है, यह कई तरह की शारीरिक परेशानियां तो दूर करता ही है। साथ ही हमें ऊर्जा भी देता है, ताकि अनचाही छोटी-छोटी बीमारियों से बचा जा सके। भारत में मान्यता है कि नवजात शिशु के जन्म से पूर्व यदि मां को अनिवार्य रूप से प्रतिदिन दूध में केसर घोलकर पीने को दिया जाता है तो इससे शिशु का रंग गोरा होता है।