16 अक्टूबर arthat aaj से मिथुन में गोचर कर मंगल बनाएंगे शनि के साथ षडाष्टक योग, Jyotishacharya . Dr Umashankar mishr-9415087711-9235722996 मंगल का मिथुन में गोचर : ग्रहों के सेनापति माने जाने वाले मंगल देव को ऊर्जा व पराक्रम का कारक माना गया है। जो आपकी समस्त व हर प्रकार की इच्छाओं के सफल होने के उद्देश्य, रणनीति, योजना व निर्णय को प्रभावित करने का असमर्थ रखते हैं। इसके अलावा व्यक्ति में आक्रामकता और क्रोध भी मंगल द्वारा नियंत्रित होते हैं। कुंडली में मंगल का प्रभाव मंगल के प्रभाव से ही जातक में साहस, ऊर्जा और आत्मबल प्रभावित होता है। ऐसे में जिसकी कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत हो तो, वो जातक एक योद्धा की भांति अपने जीवन में आने वाली हर समस्या से निजात पाने में सक्षम रहता है। मंगल का बलवान होना, जातक को अपने शत्रुओं पर विजय दिलाता है और ऐसे व्यक्ति अपने हर कार्य को ऊर्जा पूर्वक व आक्रामकता के साथ पूरा करने के लिए तत्पर दिखाई देते हैं। जबकि इसके विपरीत अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति कमज़ोर या निर्बल हो तो, इससे जातक के जीवन में कई समस्या उत्पन्न हो सकती है। ऐसे व्यक्तियों के साथ किसी कारणवश कोई दुर्घटना होने की आशंका अधिक रहती है। वहीं यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में मंगल पीड़ित हो या मांगलिक दोष हो तो उसके कारण उसे विवाह में देरी के साथ-साथ दांपत्य जीवन में कई समस्या हो सकती हैं। पीड़ित मंगल जातक के शत्रुओं की संख्या में इजाफा करने के साथ-साथ ज़मीन संबंधी कोई कोर्ट केस या क़र्ज़ का बोझ बढ़ा सकता है। ज्योतिष में मंगल ग्रह अग्नि तत्व ग्रह मंगल का स्थान समस्त ग्रहों में से महत्वपूर्ण हैं, जो प्राकृतिक रूप से दूसरे ग्रहों की तुलना में गर्म है। राशियों की बात करें तो, मेष और वृश्चिक राशि पर मंगल ग्रह का आधिपत्य है। वहीं मकर राशि उनकी उच्च और कर्क उनकी नीच राशि होती है। ग्रह मैत्री के अनुसार सूर्य और चंद्रमा, मंगल के मित्र ग्रह होते हैं। जबकि बुध, मंगल के शत्रु ग्रह हैं। मंगल के गोचरकाल की अवधि मंगल ग्रह को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग 45 दिनों का समय लगता है। अब यही ऊर्जा, बड़े भाई, जमीन-भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम, क्रोध, शौर्य आदि के कारक ग्रह मंगल एक बार फिर वृषभ राशि से निकलकर Aaj16 अक्टूबर 2022, रविवार दोपहर 12 बजकर 04 मिनट पर दूसरी राशि में अपना गोचर करेंगे। जहाँ वे अपने शत्रु ग्रह बुध की मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में मंगल के मिथुन राशि में प्रवेश करने से जहाँ देशभर में बदलाव आएंगे, वहीं इस गोचर का प्रभाव सभी राशि के जातकों पर भी पड़ने वाला है। तो चलिए अब जानते हैं कि मंगल के इस ख़ास गोचर का समस्त राशियों पर प्रभाव:- मंगल यंत्र को विधि अनुसार स्थापित कर पाएँ मंगल ग्रह के शुभ फल! इन 5 राशियों पर पड़ेगा शुभ असर मेष राशि: मंगल का ये गोचर आपकी राशि से तृतीय भाव में होगा। जिसके परिणामस्वरूप मंगल देव आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएंगे। इस समय आप अत्यधिक धैर्यवान और साहसी बनेंगे और इनकी मदद से आपको हर फैसले को लेने में जो भी समस्या आ रही थी, उससे निजात मिल सकेगी। कार्यस्थल पर आपकी ऊर्जा और काम के प्रति आपकी तीव्रता को देख वरिष्ठ अधिकारी आपकी जमकर सराहना करेंगे। परंतु बावजूद इसके आपको कार्यस्थल पर अपने क्रोध पर नियंत्रण रखते हुए दूसरों से सही से बातचीत करने की सलाह दी जाती है, अन्यथा उनके साथ शब्दों का विवाद आपके मानसिक तनाव में वृद्धि करेगा। सिंह राशि: मंगल का ये गोचर आपकी राशि से एकादश भाव में होगा। ऐसे में एकादश भाव अर्थात लाभ में मंगल का ये गोचर आपको अनुकूल परिणाम देने का कार्य करेगा। इस दौरान सबसे अधिक आर्थिक जीवन में उन्नति मिलेगी और इससे आप अपनी अधूरी पड़ी सुख-सुविधाओं को पूरा करते देखे जाएंगे। कार्यक्षेत्र पर मंगल का ये प्रभाव आपको ऊर्जावान बनाएगा। साथ ही दांपत्य जीवन से भी आप काफी संतुष्ट दिखाई देंगे। कन्या राशि: मंगल का ये गोचर कन्या राशि के जातकों के कर्म भाव यानी दशम भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप मंगल की ये उपस्थिति आपको करियर में अनुकूल फल मिलने के योग बनाएगी। आर्थिक जीवन में आपको अपार धन लाभ होने से आप वाहन और प्रॉपर्टी खरदीने का प्लान कर सकते हैं। करियर में भी स्थितियां आपके हक़ में होगी और आप खुद को प्रोत्साहित करते हुए हर कार्य से जुड़ी अपनी जिम्मेदारी को भली-भांति पूरा करेंगे। मकर राशि: मंगल का ये गोचर आपकी राशि के षष्टम भाव में होगा, जिसके फलस्वरूप आपको उत्तम परिणाम मिल सकेंगे। ये वो समय होगा जब कार्यक्षेत्र पर आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सक्षम रहेंगे। साथ ही इस समय आप में प्रतिस्पर्द्धी की भावना भी उच्च की होने से शिक्षा के क्षेत्र में आप बेहतर प्रदर्शन दे सकेंगे। यदि आप व्यापार से जुड़े हैं तो आप इस समय सभी महत्वपूर्ण निर्णय ले सकेंगे। मीन राशि: मंगल देव आपकी राशि से चतुर्थ यानी सुख भाव में गोचर करेंगे। इसके चलते आपके जीवन में आर्थिक समृद्धि आने की संभावना बढ़ जाएगी। साथ ही आप किसी चल-अचल संपत्ति या प्रॉपर्टी से भी अतिरिक्त धन अर्जित करेंगे। व्यापारी जातकों को भी अपने बिज़नेस में विस्तार करने में मदद मिलेगी। ये अवधि पारिवारिक जीवन में भी आपको अपने परिवार के सदस्यों का सहयोग दिलाएगी। साथ ही शादीशुदा जातक अपने साथी के साथ मिलकर दांपत्य सुख का आनंद उठा सकेंगे। इन 4 राशियों पड़ पड़ेगा प्रतिकूल असर मिथुन राशि: मंगल देव आपकी राशि अर्थात आपके प्रथम भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में इस गोचर के चलते आपके व्यक्ति और स्वभाव में आक्रामकता की वृद्धि देखने को मिलेगी। इस समय आपका कोई भी निर्णय जल्दबाज़ी में लेना आपकी समस्या बढ़ा देगा। इसलिए सोच-समझकर ही किसी भी फैसले पर पहुंचना आपके लिए बेहतर रहेगा। कुछ जातकों के जोश और आवेश में बढ़ोतरी उनका जीवनसाथी के साथ विवाद करवा सकती है। इसलिए आपको अपने इस स्वभाव में सही सुधार करने की ज़रूरत होगी। तुला राशि: तुला राशि में मंगल नवम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में इस भाव में मंगल का गोचर आपको सबसे अधिक स्वास्थ्य और धन संबंधी समस्या दे सकता है। कार्यक्षेत्र पर नौकरीपेशा जातकों का कोई ट्रांसफर संभव है, जिसके चलते उन्हें अपनी जन्मभूमि से दूर जाना पड़ेगा। व्यापारी जातकों को भी इस समय निवेश करना भारी पड़ सकता है। क्योंकि उन्हें कोई बड़ा नुकसान होने के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। वृश्चिक राशि: अपने इस गोचर के दौरान मंगल देव आपकी राशि से अष्टम भाव में विराजमान हो रहे हैं। ऐसे में आपको इस समय कई प्रकार की बाधाएं होने का खतरा रहेगा। कार्यक्षेत्र पर आप किसी भी कार्य को समय पर पूरा नहीं कर सकेंगे, जिससे आप पर उसे पूरा करने का दबाव अधिक होने से गलती होने की आशंका बढ़ जाएगी। व्यापारी जातक भी अपनी कार्यकुशलता से असंतुष्ट दिखाई देंगे और इस कारण कुछ लोग अपने व्यापार में कोई बड़ा बदलाव करने का फैसला भी ले सकते हैं। धनु राशि: 16 अक्टूबर को अपना गोचर करते हुए मंगल देव आपकी राशि से विवाह यानी सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे। इस कारण सबसे अधिक शादीशुदा जातकों को समस्या हो सकती है। क्योंकि इस दौरान मंगल देव आपके अंदर क्रोध की वृद्धि करेंगे, जिससे आपका अपने जीवनसाथी के साथ कोई बड़ा विवाद होने की आशंका रहेगी। यदि आप सिंगल और विवाह योग्य हैं तो, ये गोचर आपके विवाह में भी कुछ विलंब का कारण बन सकता है। इन सरल उपायों से करें मंगल के प्रतिकूल प्रभावों को दूर भगवान नरसिंह जी के अवतार की कथा सुने या पढ़ें व उनकी हर मंगलवार उपासना करें। मंगल ग्रह के बीज मंत्र “ॐ भौमाय नमः” की रोज़ाना कम से कम एक माला का जाप करें। हर मंगलवार व्रत का पालन करें और भगवान हनुमान जी के मंदिर जाकर उनके दर्शन करें। गरीबों व ज़रूरतमंदों में जूते-चप्पल दान करें। श्री हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करना भी आपके लिए उत्तम रहेगा। बंदरों में केले बांटे। भगवान कार्तिकेय की आराधना करें। लाल मसूर, खांड, सौंफ, मूंग, गेहूं, लाल कनेर का पुष्प, तांबे के बर्तन, गुड़ आदि का गरीबों में दान करें।