नवग्रह बीजमंत्र / जप संख्या और जप समय
Jyotishacharya . Dr Umashankar mishr-9415087711-9235722996
कष्ट निवारण और ग्रहपीड़ा शांति हेतु हिन्दू परंपरा में नवग्रहों के बीजमंत्र जप का विधान है. कष्टों और पीड़ा का संबंध जिस ग्रह से हो उसके बीजमंत्र जप बहुत लाभ देते हैं. विधिपूर्वक जप पूर्ण कर लेने पर संबंधित ग्रह की कृपा प्राप्त होती है और कष्टों का निवारण सहज ही हो जाता है.
नवग्रह मंत्र और जप संख्या इस प्रकार से हैं –
सूर्य – ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नमः
जप संख्या – 7000
जप समय – सूर्योदय काल
चंद्रमा – ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नमः
जप संख्या – 11000
जप समय – संध्याकाल
मंगल – ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नमः
जप संख्या – 10000
जप समय – दिन का प्रथम प्रहर
बुध – ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नमः
जप संख्या – 9000
जप समय – मध्याह्न काल
बृहस्पति – ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नमः
जप संख्या – 19000
जप समय – प्रात:काल
शुक्र – ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नमः
जप संख्या – 18000
जप समय – ब्रह्मवेला
शनि – ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नमः
जप संख्या – 23000
जप समय – संध्याकाल
राहु – ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नमः
जप संख्या – 18000
जप समय – रात्रिकाल
केतु – ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नमः
जप संख्या – 17000
जप समय – रात्रिकाल
जप संकल्प करने पर प्रतिदिन कम से कम एक माला (108 बार) जप आवश्यक है।
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