घर का मुख्य प्रवेश द्वार सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है ! मुख्य द्वार से सम्बन्धित कुछ विशेष - Jyotishacharya . Dr Umashankar mishr-9415087711-9235722996 * एक ही सीध में तीन दरवाजे नहीं होने चाहिए ! * घर में दो प्रवेश द्वार(दरवाजे) होने चाहिए, एक बड़ा तथा दूसरा छोटा ! * मुख्य प्रवेश द्वार घर के एकदम कोने में नहीं होना चाहिए ! * मुख्य प्रवेश द्वार के सामने विशाल वृक्ष नहीं होना चाहिए ! * मुख्य प्रवेश द्वार के सामने 'खम्भा' नहीं होना चाहिए ! * मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक सामने सीधा मार्ग(रास्ता) या गड्डा नहीं होना चाहिए ! * मुख्य द्वार हमेशा दो पल्ले वाला ही होना चाहिए, एक पल्ले वाला नहीं ! * मुख्य प्रवेश द्वार छोटा तथा पीछे का द्वार बड़ा नहीं होना चाहिए ! अपितु सामने का मुख्य प्रवेश द्वार बड़ा तथा पीछे(मकान के पीछे) का द्वार छोटा होना चाहिए ! * मुख्य प्रवेश द्वार के सामने कीचड़, गड्डा, खम्भा, वृक्ष तथा किसी अन्य प्रकार का अवरोध नहीं होना चाहिए ! मुख्य प्रवेश द्वार पर किसी प्रकार का दोष अथवा अवरोध होने पर निम्न उपायादि करने से सरिवदोषादि से मुक्ति मिलती है - * मुख्य प्रवेश द्वार के दोनो ओर कुंकुम या सिंदूर आदि द्वारा स्वस्तिक का निर्माण करना चाहिए ! * नित्य प्रात:काल मुख्य प्रवेश द्वार की दोनो चौखट के कोनो पर क्रमश: दाएँ-बाँए गंगाजल के छींटे लगाने चाहिए ! * मुख्य प्रवेश द्वार के सामने यदि गड्डा हो, तो उसे तुरंत भरवा देना चाहिए ! * मुख्य प्रवेश द्वार के पास कूड़ा नहीं फैंकना चाहिए, अपितु उससे कुछ दूर फैंकना चाहिए ! * मुख्य प्रवेश द्वार खोलते अथवा बंद करते समय घर्र्घर्घर् या किसी अन्य प्रकार की आवाज नहीं आनी चाहिए ! * मुख्य प्रवेश द्वार को जोर की या धड़ाम से बंद नहीं करना चाहिएं