शनी को कैसे प्रसन्न करें -----------------------------jyotishacharya Dr Umashankar Mishra 9415 087711 राजा विक्रमादित्य पर शनी आया था तो घोड़ों का व्यापारी बन कर आया था ओर काले घोड़े पर चढ़ा कर ओझल हो गया था बाकी परेशानियां बाद में मिलनें लगी थी तो क्यों न शनी पिड़ित जातक काले घोड़े की सवारी कर ले साथ ही जानवर की ताकत उसकी पूँछ में होती है ओर इंसान की ताकत उसकी पीठ में होती है इसलिये काले घोड़े की पूँछ के एक दो बाल अपनी जेब में रख लें जेब चौथा घर है जहाँ चंद्र का वास है गुस्सा ठंडा रहेगा ओर ज्यादा करना चाहें तो मिट्टी के घोड़े पर बैठा सवार जो पगड़ी धारी हो उस पर अपना नाम लिख कर जंगल में छोड़ आये जहाँ उसे कोई देख न सके शनी का काम वैराग देना ओर गुमनाम कर देना है अज्ञात वास भी शनी का काम है सात दिन के लिये ऐसी जगह जाये जहाँ कोई पहचान न सके ओर घर पर पहले बता दें कि इन सात दिनों में उसे को सम्पर्क न करे पहले लोग यह किया करते थे काल कोठरी जहाँ रोशनी न हो वहाँ शनी का वास है इसलिये रोज शनी की होरा में कमरे में अंधेरा करके बैठ जाएँ पंखे लाइट बंद कर दें जो शनी चाहता है वो आपने कर दिया तो शनी परेशान क्यों करेगा शनी की ढय्या वाले जातक शनी की होरा में निर्जल व निर्हार रहे क्योंकि शनी की यातना बडी खतरनाक होती है पानी तक नसीब नहीं होता इसलिये ये शर्त भी पूरी कर दें अकेले जंगल में विचरण करना भी शनी को शांत करेगा एकाकी पन भी खराब शनी के देन है!! लेकिन ध्यान रखें शनी जितना लेगा उससे दस गुणा दे कर जायेगा जैसे राजा विक्रमादित्य को दिया था