हवन-पूजन में आम के पत्ते ही क्यों होते हैं इस्तेमाल, बाकी पेड़ों के क्यों नहीं? क्या आप जानते हैं रहस्य। Call Watsaap 9415087711 ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र आकांक्षा श्रीवास्तव
क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है घर-दुकान में होने वाले-पूजन में हमेसा आम के पत्ते ही क्यों इस्तेमाल किए जाते हैं, बाकी पेड़ों के क्यों नहीं. आज हम इस बात का रहस्य आपको बताते हैं.आम को फलों का राजा माना जाता है, वहीं उसकी पत्ते पूजा के काम आते हैं. घर में चाहे कोई हवन हो या पूजा, वह बिना आम की टहनी और पत्तों के पूरा नहीं हो सकता. आखिर आम के पत्तों (Mango Leaves) में ऐसी क्या खास बात है कि हवन-पूजन में हमेशा उन्हीं का इस्तेमाल किया जाता है. दूसरे पेड़ के पत्तों के बारे में कभी सोचा तक नहीं जाता. यह सवाल निश्चित रूप से कई बार आपके दिमाग में घुमड़ता होगा. आज हम आपको इसका जवाब विस्तार से बताते हैं.
सनातन धर्म शास्त्रों के मुताबिक आम के पेड़ को मेष राशि का प्रतीक माना गया है. मान्यता है कि मेष राशि का होने की वजह से आम का पेड़ सबसे ज्यादा मंगलकारी होता है. जिस घर के पास आम का पेड़ लगाया जाता है, वहां हमेशा देवी-देवताओं की कृपा बरसती है. यही वजह है कि घर-दुकान या अन्य किसी भी स्थान पर होने वाले मांगलिक कार्यों में हमेशा आम के पत्तों (Mango Leaves) का इस्तेमाल किया जाता है. चाहे घर-दुकान के दरवाजे पर माला लटकानी हो या पूजन में इस्तेमाल करने हों, हमेशा आम के पत्ते ही मंगाए जाते हैं.
आम के पत्तों का इन जगह होता है इस्तेमाल
जब भी कोई कलश यात्रा निकाली जाती है तो वह आम के पत्तों (Mango Leaves) के बिना पूरी नहीं होती. कलश के ऊपर नारियल रखने से पहले उसके मुख पर आम के पत्ते रखे जाते हैं. उसके बाद नारियल रखकर कलश को पकड़ा जाता है. कलश यात्रा के बाद जब जल को अर्पित किया जाता है तो उस पर रखे आम के पत्तों को देवी-देवताओं की प्रतिमा के आगे समर्पित कर दिया जाता है.
पूजन में आम के पत्तों से आचमन
आम के पत्तों (Mango Leaves) को बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है. यही वजह है कि घर में होने वाले प्रत्येक पूजन में मंत्रोच्चारण के दौरान आम के पत्तों से आचमन क्रिया की जाती है. माना जाता है कि ऐसा करने से प्राणी में अलौकिक शक्तियों का प्रवाह बढ़ता है और ईश्वर को अपने अंदर साक्षात महसूस कर पाता है.
मेन गेट पर आम के पत्तों का तोरण द्वार
सनातन धर्म में आने वाले सभी प्रमुख त्योहारों और शुभ मौकों के दौरान घर के मेन गेट पर आम के पत्तों (Mango Leaves) का तोरण द्वार बनाना एक आम परंपरा है. मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पाती और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.
मंडप सजाने में आम के पत्तों का इस्तेमाल
घर में होने वाले हवन- यज्ञ में आहुति देने के लिए हमेशा आम की लकड़ियां ही इस्तेमाल की जाती है. साथ ही शादी-विवाह के मंडप को सजाने के लिए आम के पत्तों (Mango Leaves) का इस्तेमाल किया जाता है. इसके पीछे आम के पेड़ का मंगलकारी होनाआम को फलों का राजा माना जाता है, वहीं उसकी पत्ते पूजा के काम आते हैं. घर में चाहे कोई हवन हो या पूजा, वह बिना आम की टहनी और पत्तों के पूरा नहीं हो सकता. आखिर आम के पत्तों (Mango Leaves) में ऐसी क्या खास बात है कि हवन-पूजन में हमेशा उन्हीं का इस्तेमाल किया जाता है. दूसरे पेड़ के पत्तों के बारे में कभी सोचा तक नहीं जाता. यह सवाल निश्चित रूप से कई बार आपके दिमाग में घुमड़ता होगा. आज हम आपको इसका जवाब विस्तार से बताते हैं.
सनातन धर्म शास्त्रों के मुताबिक आम के पेड़ को मेष राशि का प्रतीक माना गया है. मान्यता है कि मेष राशि का होने की वजह से आम का पेड़ सबसे ज्यादा मंगलकारी होता है. जिस घर के पास आम का पेड़ लगाया जाता है, वहां हमेशा देवी-देवताओं की कृपा बरसती है. यही वजह है कि घर-दुकान या अन्य किसी भी स्थान पर होने वाले मांगलिक कार्यों में हमेशा आम के पत्तों (Mango Leaves) का इस्तेमाल किया जाता है. चाहे घर-दुकान के दरवाजे पर माला लटकानी हो या पूजन में इस्तेमाल करने हों, हमेशा आम के पत्ते ही मंगाए जाते हैं.
आम के पत्तों का इन जगह होता है इस्तेमाल
जब भी कोई कलश यात्रा निकाली जाती है तो वह आम के पत्तों (Mango Leaves) के बिना पूरी नहीं होती. कलश के ऊपर नारियल रखने से पहले उसके मुख पर आम के पत्ते रखे जाते हैं. उसके बाद नारियल रखकर कलश को पकड़ा जाता है. कलश यात्रा के बाद जब जल को अर्पित किया जाता है तो उस पर रखे आम के पत्तों को देवी-देवताओं की प्रतिमा के आगे समर्पित कर दिया जाता है.
पूजन में आम के पत्तों से आचमन
आम के पत्तों (Mango Leaves) को बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है. यही वजह है कि घर में होने वाले प्रत्येक पूजन में मंत्रोच्चारण के दौरान आम के पत्तों से आचमन क्रिया की जाती है. माना जाता है कि ऐसा करने से प्राणी में अलौकिक शक्तियों का प्रवाह बढ़ता है और ईश्वर को अपने अंदर साक्षात महसूस कर पाता है.
मेन गेट पर आम के पत्तों का तोरण द्वार
सनातन धर्म में आने वाले सभी प्रमुख त्योहारों और शुभ मौकों के दौरान घर के मेन गेट पर आम के पत्तों (Mango Leaves) का तोरण द्वार बनाना एक आम परंपरा है. मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पाती और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.
मंडप सजाने में आम के पत्तों का इस्तेमाल
घर में होने वाले हवन- यज्ञ में आहुति देने के लिए हमेशा आम की लकड़ियां ही इस्तेमाल की जाती है. साथ ही शादी-विवाह के मंडप को सजाने के लिए आम के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके पीछे आम के पेड़ का मंगलकारी होना माना जाता है. माना जाता है.
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