Aajतीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें नियम और पूजा मंत्र* *_ ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र आकांक्षा श्रीवास्तव_9415087711* नवरात्रि के नौ दिनों में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है. तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की अराधना की जाती है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की अराधना करने से मां मनचाहे फल की प्राप्ती होती है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की अराधना की जाती है. Aaj शारदीय नवरात्रि में 28 सितंबर को मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी. मां का ये तीसरा रूप पापियों का नाश करने के लिए जाना जाता है. आइए जानते हैं मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए उनका प्रिय रंग, भोग, मंत्र और खास बातें. ऐसा है मां का स्वरूप मां दुर्गा का यह रुप बेहद ही खुबसूरत और सुंदर होता है. दुर्गा का तीसरा रूप मां चंद्रघंटा बाघ पर सवार हैं. दस हाथों में होते हैं जिनमें से एक में कमडंल, अस्त-शस्त्र और कमल का फूल होता है. इसक माथे पर बना आधा चांद भी होता है जिससे इनकी पहचान होती है. इसी वजह से इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता हैं.मां चंद्रघंटा का प्रिय रंग दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा का पसंदीदा रंग नारंगी होता है. इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं मनचाहा फल देती हैं. मां चंद्रघंटा का पसंदीदा भोग दूध से बनी मिठाई का भोग लगाने से देवी मां प्रसन्न होती है. ऐसा करने से भक्त के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं. इन मंत्रों से करें मां को प्रसन्न मां का बीज मंत्र ऐं श्रीं शक्तयै नम: बहुत शुभ माना जाता है. इसके साथ ही दो मंत्र और हैं जिनका जाप भी कर सकते हैं. पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता, प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता और या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:। *