ँ वैष्णो देवी की तीन पिंडियों की कथा आओ जानें
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र राष्ट्रीय प्रवक्ता विश्व हिंदू महासभा 94150 87711 9235 722 996
वैष्णो देवी मंदिर हिमालय के त्रिकुटा पर सबसे बड़े मंदिरों में से एक है | श्रीधर पंडित ने माँ के प्रताप से इन्हें खोजा और नित्य पूजन करने लग गये | आज भी पंडित श्रीधर के वंशज ही माँ वैष्णवी की पूजा करते है | वैष्णो देवी की सबसे खास बात है की इसके गर्भगृह में वैष्णो देवी के रूप में तीन पिंडियाँ विराजमान है | इन तीन पिंडीयो का रहस्य तीन देवियों के साथ जोड़ा गया है | आइये जानें विस्तार से |
पौराणिक कथा
पहली पिंडी
ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की है | इनकी पूजा से व्यक्ति अपार ज्ञान विवेक और कला में धनी बनता है |
दूसरी पिंडी
माँ महालक्ष्मी की है जिनके आशीष से व्यक्ति धन धान की प्राप्ति करता है | वह वैभवशाली जीवन व्यतीत करता है |
तीसरी पिंडी
माँ काली की है जो अपार शक्ति की देवी है और नकारात्मक उर्जा को खत्म करने वाली है | यह बल देने वाली शक्तिरूपा है |
माँ वैष्णो देवी की पूजा से इन तीन महादेवियों की कृपा प्राप्त होती है और मनुष्य ज्ञान , धन और बल से अपना जीवन सफलता पूर्वक व्यतीत करता है |
यह जगह ना तो भारत के चार धामों में और ना ही भारत की सप्तपुरी में शामिल है पर फिर भी आस्था और विश्वास के आधार पर अपने भक्तों में सर्वोच्य स्थान पर विराजमान है |
भक्त ऊँची और लम्बी चढ़ाई चढ़ कर अपनी आराध्य देवी माँ वैष्णो के दर्शन करने दूर दूर से हर साल आते है | प्रात एवं संध्या समय में आरती का विधान बहुत अच्छा है यहां का देश-विदेश से लोग यहां आते हैं आरती में भाग लेते हैं जो भी यहां आता है उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है जिस प्रयोजन से जो यहां आया उसका प्रयोजन निश्चित सिद्ध होता है
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