पितृ पक्ष – पितृ दोष
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Jyotishacharya . Dr Umashankar mishr-9415087711
पितृपक्ष में अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध,तर्पण आदि कर्मों के मध्यम से पितृ देवताओं को अपनी अंजली प्रदान करते हैं ।
श्रद्धयाम दीयते इति श्राद्ध:
जिनके प्राप्ति श्रद्धा व्यक्त की जाए व श्रद्धा पूर्वक उनको याद किया जाए उसे ही श्राद्ध कहा गया है।
पितृ दोष
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इस भौतिक संसार में आज के इस कलिकाल समय में देखा जा रहा है कि हर व्यक्ति अनेकों कष्टों से पीड़ित व दुखी है या किसी ना किसी वजह से परेशान है ।
उसमें लगभग ऐसा पाया जाता है कि पितृदोष के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।
#वैदिकज्योतिष के अनुसार कुंडली में अनेकों प्रकार के पितृ दोष या ग्रहण दोष पाए जाते हैं और उसका समाधान ढूंढने के लिए हर व्यक्ति परेशान होता देखा जा रहा है किन्तु सटीक व विश्वास पात्र निवारण या विद्वान् नहीं मिल पाते ।
किंतु क्या आप जानते हैं कि पितृ दोष का सटीक व फलदाई उपाय केवल # त्रिपिडी_श्राद्ध है ।
जिसमें वेद मंत्रों के मध्यम से अनेकों विधियां कराई जाती हैं व पूर्ण अनुष्ठान होने से पितृ दोष का निवारण हो जाता है इसमें कोई संदेह नहीं है ।
अतः अगर आपके घर में या आपकी #कुंडली में पितृदोष है तो तुरंत # त्रिपिंडी_श्राद्ध वैदिक पद्धति से कराएं ।
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