ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 94150 877 11 प्रवेश परीक्षा में डर /भय ( EXAM FEAR & PHOBIA ) दूर करने के लिए ज्योतिषीय काउंसलिंग
ASTROLOGICAL COUNSELLING TO OVERCOME FEAR / PHOBIA IN EXAMS
परीक्षा का समय नजदीक आते ही STUDENTS के मन में अनजाना डर सा लगा रहता है , बेचैनी महसूस होने लगती है। मन में कई विचार घूमने लगते हैं | CONFIDENCE LEVEL काफी कम होता दिखता है कितनी ही मेहनत की हो NERVOUSNESS और EXAM FEVER हो जाता है । कई बार तो परीक्षा हॉल में घुसते ही सब भूल जाते हैं।
ऐसे समय में जन्म कुंडली के ग्रहो को रोल काफी महत्वपूर्ण होता है |
कुंडली के कई ग्रहो का रोल काफी महत्व रखता है | कोई भी ख़राब ग्रह परीक्षा में डर और भय के लिए जिम्मेदार हो सकता है
1 मंगल से व्यक्ति में साहस और उत्साह की वृद्घि होती है जो परीक्षा में सफलता की प्राप्ति के लिये अत्यन्त आवश्यक है।
2 सूर्य का सम्बन्ध आत्म विश्वास से है | सूर्य यदि पीड़ित, निर्बल अशुभ प्रभाव में हो तो आत्म बल कमजोर हो जाता है। इस कारण पढाई में मन काम लगता है |
3 गुरु का सम्बन्ध ज्ञान से है |
4 परीक्षा का संबंध स्मरणशक्ति से है, जो बुध की देन है। बुध की अशुभता के कारण विधार्थी में तर्क एवं कुशलता के कमी होती है
5 परीक्षा भवन में मानसिक संतुलन एवं एकाग्रता का कारक है चंद्रमा | चंद्रमा की स्थिति विद्यार्थी के दृष्टिकोण को प्रभावित करती है ।
6 कुंडली में पहला घर मन से सम्बन्ध रखता है और अगर ये किसी ख़राब ग्रह से प्रभावित हो जाए तो जातक चिंता, निराशा, नकारात्मक विचार से ग्रस्त हो जाता है.
7 अगर ख़राब राहू लग्न में हो तो राहू की महादशा में जातक नकारात्मक विचार से जरुर ग्रस्त हो जाता है. जीवन में निराशा और असफलता भी घेर लेती है.
8 कुंडली में अगर ग्रहण योग हो तो भी जातक भय, चिंता, नकारात्मक विचार से ग्रस्त हो सकता है.
9 अगर कुंडली में लग्न में कोई अच्छा ग्रह हो पर वो कमजोर हो तो भी जातक को अपने मेहनत का फल प्राप्त होने में परेशानी आती है जिससे चिंता और तनाव उत्पन होता है
10 जब किसी शत्रु ग्रह की महादशा चालू होती है तो जातक मानसिक तनाव से गुजरता है, शारीरिक परेशानियों से गुजरता है जिससे भय और नकारात्मक विचार आने लगते हैं.
11 ज्योतिषशास्त्र का मानना है जिनकी कुंडली में ज्ञान भाव (पंचम भाव), धन भाव (द्वितीय), आय, भाग्य और सुख भाव मजबूत व शुभ ग्रहों से युक्त या दृष्ट होते हैं, तो उन्हें सफलता मिलती है।
12 यदि जन्मकुंडली में बुधादित्य-योग, गजकेसरी-योग, सरस्वती-योग, शारदा-योग, हंस-योग, भारती-योग, शारदा लक्ष्मी योग हो तो जातक परीक्षा में अच्छी सफलता प्राप्त करता है एवेम उच्च शिक्षा प्राप्त करता है |
13 केंद्र में किसी भी स्थान पर चंद्र-गुरू का गजकेशरी योग हो, तो ऎसा जातक बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में अवश्य सफल होता है।
14 कुंडली में क्षीण चंद्र हो तो शिक्षा में बाधा आती है। चन्दमा अशुभ होता है तो चंचल होता है इस कारण मन मस्तिष्क में स्थिरता और एकाग्रता को प्रभावित करता है |
परीक्षा के समय भय, चिंता और NEGATIVE THOUGHTS से बचाव के उपाय
अगर कोई ग्रह कुंडली में डर और भय उत्पन्न कर रहा हो तो उसके लिए ज्योतिष उपाय करना चाहिए.
1 उचित रत्नों का प्रयोग करके भी अपने आपको मजबूत किया जा सकता है.
2 यन्त्र साधना करके भी नकारात्मकता से मुक्ति पाई जा सकती है.
3 ध्यान करके अपनी शक्ति को बढ़ाया जा सकता है.रोज मंत्र जप करे, इससे भी नकारात्मकता से बच सकते हैं.
4 माँ सरस्वती विद्या व ज्ञान की अधिष्ठात्री हैं। माँ सरस्वती की पूजा-आराधना से स्मरण शक्ति तीव्र होती है, सौभाग्य प्राप्त होता है, विद्या में कुशलता प्राप्त होती है।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नम:
5 अपने भय को भगाने के लिए आप श्रीमद भागवत गीता से दिन में एक बार गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत को सुन सकते हैं।
6 मां दुर्गा की स्तुति | मां दुर्गा को शक्ति की देवी कहा जाता है और इनसे हर डर दूर भागता है। आप मां दुर्गा की स्तुति करके अपने डर को दूर भगा सकते हैं। विश्व से अशुभ तथा भय का विनाश करने के लिए मां दुर्गा की स्तुति करना चाहिए।
" ॥ यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तमलं बलं च |
सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु ॥ "
किसी भी परीक्षा में सफलता की कुंजी है छात्र की योग्यता और कठिन परीश्रम। इन सब के साथ यदि कुशल ज्योतिषी की सलाह पर जन्म कुंडली में ग्रहों की शुभता भी प्राप्त हो जाए तो सफलता की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाती हैं।
|
|