व्रत करने के होते हैं क्या फायदे, सुनकर रह जाएंगे हैरान
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कुछ लोग ये सोचकर व्रत रखते हैं कि इसी बहाने उनका वजन कम हो जाएगा लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि व्रत करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
आमतौर पर व्रत रखने का संबंध भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति से जोड़ा जाता है। इनका सिर्फ धार्मिक महत्त्व ही नहीं है बल्कि शारीरिक रूप से भी बहुत अधिक महत्त्व है। व्रत करने से शरीर को कई प्रकार के लाभ होते है।
व्रत रखने के फायदे की बात करें तो ये हमारे मन और मस्तिष्क को एकाग्र करने में मदद मिलती है, लेकिन क्या आप जानते हैं व्रत रखने से हम अपने शरीर को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचा सकते हैं।
कम कर सकते हैं वजन
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व्रत करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे वजन कम कर सकते हैं। अगर आपकी तोंद निकली हुई है, व्रतों के दौरान वेट लॉस कर सकते हैं। दरअसल व्रत रखने से हमारे शरीर में मौजूद फैट एनर्जी में बदल जाता है, जिससे हमारा वजन कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा व्रत के दौरान हम फास्ट फूड और जंक फूड जैसे चीजों से दूर बनाए रखते हैं, जो वेटलॉस में मददगार हो सकता है।
कंट्रोल में रहता है ब्लड प्रेशर
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व्रत रखने से शरीर में मौजूद बैड कलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। जिसका सीधा असर हमारे दिल पर पड़ता है और हमारा दिल स्वस्थ रहता है।
पाचन तंत्र को आराम
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शरीर के मेटाबॉल्जिम को मजबूत करने में व्रत रखना सबसे सरल तरीका माना जाता है, क्योंकि व्रत रखने से शरीर के पाचन तंत्र को आराम मिलता है। इससे पाचन तंत्र अपनी गति में सुधार ला पाता है और सुचारु रुप से काम कर पाता है।
डिप्रेशन और ब्रेन स्ट्रोक जैसे रोगों से बचाव
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व्रत रखना मानसिक रुप से भी आपकी कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद कर पाता है। व्रत रखने से ब्रेन हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है। जो मस्तिष्क में मौजूद स्टेम सेल कोशिकाओं सक्रिय करती है और उन्हें न्यूरॉन्स में बदलने काम करती हैं। जिससे डिप्रेशन, ब्रेन स्ट्रोक और अन्य मानसिक बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
नष्ट हो जाते हैं हानिकारक बैक्टीरिया
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व्रत करने से शरीर में कुछ अच्छे बैक्टीरिया की वृद्धि होती है जो सिर्फ व्रत उपवास करने से ही उत्पन्न होते है। इसी तरह कुछ विशेष प्रकार के हानिकारक बेक्टिरिया के नष्ट होने की प्रक्रिया भी सिर्फ व्रत के समय ही होती है। व्रत उपवास करने से शरीर प्रकृति के अनुसार ढलने लगता है। स्वाभाविक रूप से भूख प्यास आदि लगने लगते है।
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