किस राशि में शनि कैसा फल देते हैं, जानिए शनि का प्रभाव ज्योतिषाचार्यडॉउमाशंकरमिश्राज्योतिषाचार्यआकांक्षाश्रीवास्तव से
मेष- शनि मेष राशि पर हो तो कष्टफल करता है। यह शनि शत्रु एवं नीच राशि है। ऐसे जातक कुसंगति में उलझकर रह जाते हैं। घर में झगड़े होते रहते हैं। अनेक बार ऐसे जातक बड़े निष्ठुर एवं प्रपंची, शराबी आदि देखे गए हैं। जन्म कुंडली के आधार पर शनि का शांति उपाय करके कष्टों से बचा जा सकता है।
वृषभ- शनि का वृषभ राशि पर प्रभाव हो तो यह जातक मंत्रीत्व पद अथवा राजनीति में शीघ्र सफलता प्राप्त करता है। पराई स्त्रियों में आकर्षण उत्पन्न करता है। मन में कपट रखता है, अपने नजदीक रहने वालों को भी मन की बात नहीं बताता। ऐसे जातक को समझना बड़ा मुश्किल होता है। इसकी वाणी कड़वी होती है।
मिथुन- मिथुन राशि का शनि जातक को जनता के बीच आकर्षण का केंद्र बनाता है। कामी और क्रोधी होता है। इसके हाथ प्राय: लंबे हो सकते हैं। व्यापार में इसे सफलता मिलती है। यह चरित्र से भ्रष्ट हो सकता है, स्त्री से इसे कष्ट मिलता है।
कर्क- कर्क पर शनि हो तो ऐसे जातक का दिल कमजोर होता है। भावुक होने के कारण लोग इससे अपना काम निकालकर राह में छो देते हैं। इससे दांपत्य जीवन में कष्ट रहता है। यह 15 दिन सुख और 15 दिन दु:ख में व्यतीत करता है। इसका स्वभाव परिवर्तनशील रहता है। इसे नौकरी में कष्ट एवं स्वयं के कार्य से लाभ होता है।
सिंह- सिंह का शनि जातक शिक्षा में अग्रसर, नौकरी करने वाला, पति-पत्नी के मध्य चिंता, पिता से विवाद, धन एवं राजकीय सुख भोगने वाला एवं मार्ग में कष्ट पाने वाला होता है।
कन्या- कन्या में शनि हो तो ऐसा जातक व्यापार में सफलता प्राप्त करने वाला, धन, पुत्र सुख से युक्त रहा है। ऐसा जातक वेश्याओं में आसक्त एवं चरित्र से कमजोर भी हो सकता है। फलस्वरूप जातक में नपुंसकता जैसे गुण प्रकट हो सकते हैं, अगर ऐसा हो तो अपनी कुंडली के आधार पर उपाय करें।
तुला- तुला में शनि होने से जातक को राजसत्ता प्राप्त होती है। मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा के साथ ऐसा जातक दानी एवं मानी होता है। साधु-संन्यासी एवं वक्ता, मंत्र-तंत्र एवं ज्योतिष में रुचि रखने वाला, बोल व वचन से आजीविका प्राप्त करने वाला आदि शुभ लक्षण तुला के शनि में प्राप्त होते हैं। यह जातक विदेश से धन प्राप्त करता है।
वृश्चिक- वृश्चिक में शनि हो तो ऐसे जातक को स्वास्थ्य में कमी तथा शस्त्रघात के योग बनते हैं। इसे विवाद एवं झगड़ों से सदा दूरी बनाए रखना चाहिए। यह दादागिरी एवं पहलवानी में रुचि रखता है। यह अतिक्रमण करने में चतुर होता है।
धनु- धनु राशि का जातक शस्त्र चलाने में कुशल, ज्ञानी, विद्वान, धन-संपत्ति से युक्त, कार्यकुशल, मधुरभाषी, समाज में सम्मान प्राप्त करने वाला होता है।
मकर- विदेशी मुद्रा प्राप्त करने वाला, व्यापार में चतुर, पद प्राप्त करने वाला, कलाकार, चित्रकार, गुणी, रत्नों एवं जहाजों से भी धन प्राप्त कर सकता है। सामाजिक कार्यों से सम्मान प्राप्त करने वाला, संपत्ति प्राप्त जातक मकर राशि में शनि होने से होता है।
कुंभ- यह जातक द्विस्वभावी, मन में कपट रखने वाला, स्त्रियों में आसक्त, घर की मान-मर्यादा को भंग करने वाला, धन प्राप्त करने के लिए नए-नए रास्ते खोजने वाला एवं धन के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है।
मीन- मीन का शनि जातक को तत्ववेत्ता, धार्मिक, गुणी, वक्ता, शास्त्रज्ञ, रत्नपारखी, धर्म, ज्योतिष, तंत्र एवं रत्न से धन प्राप्त करने वाला होता है। संगति अच्छे लोगों की होती है। सम्मान प्राप्त करता है।
*ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा
ज्योतिषाचार्य आकांक्षा
श्रीवास्तव*
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