कुंडली के बारह भावो में मंगल शनि की युति के फल ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 94150 87711 लग्न में शनि मंगल होने पर ऐसा जातक चिड़चिड़े स्वभाव का होता है। ऐसा जातक जिद्दी, गुस्से वाला होता है। लड़ाई झगड़े के योग बनते है। आग और चोट लगने से खतरा होता है। दूसरे स्थान में शनि मंगल होने के कारण गले से सम्बंधित समस्या के योग बनते है परिवार में तनाव के योग बनते है धन सम्बंधित समस्या के योग बनते है। ऐसे जातक की वाणी कड़वी और कठोर होती है। आंखे कमजोर होती है। तीसरे स्थान पर शनि मंगल होने पर छोटे भाई के सुख में कमी रहती है लेकिन पराक्रम ऐसे जातक में बहुत होता है। गले और कंधे से संबधित समस्या के योग बनते है। चौथे स्थान पर शनि मंगल की युति होने पर भी आग से खतरा रहता है चोट एक्सीडेंट के योग बनते है। जन्म स्थान छूटने के योग बनते है माता को स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या के योग बनते है करियर में परेशानी के योग बनते है छाती से सम्बंधित रोग हो सकते है। प्रॉपर्टी से जुडी समस्या के योग बनते है। पंचम भाव में शनि मंगल की युति होने के कारण संतान सम्बंधित कष्ट के योग बनते है गर्भापत के योग बनते है। टेक्निकल शिक्षा के योग बनते है यदि पंचम भाव का मालिक मजबूत स्थिति में होता है तो साइंस लेकर शिक्षा होती है। पेट से सम्बंधित समस्या होती है मित्र धोखा देने वाले होते है। मित्र जरूरत पड़ने पर काम नहीं आते है। ऐसे जातक की प्लानिंग सफल नहीं होती है। संतान सुख देर से प्राप्त होता है। प्यार में धोखा मिलता है। छठे स्थान पर शनि मंगल की युति होने के कारण वाद विवाद के योग बनते है लड़ाई झगड़े के योग बनते है। मामा से रिश्ते अच्छे नहीं होते है। स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्या रहती है हड्डी, सर्वाइकल, नसे नाड़ी, गठिया, गैस, चोट एक्सीडेंट के योग बनते है। यदि छठे स्थान का मालिक पाप प्रभाव में हुआ तो कोर्ट केस के योग भी बनते है। सप्तम भाव में शनि मंगल की युति मैरिड लाइफ को खराब करती है गुप्त सम्बन्ध के योग बनते है। ऐसे जातक के जीवन साथी का स्वास्थ्य अच्छा नहीं होता है दो विवाह की सम्भावना रहती है मैरिड लाइफ ख़राब रहती है। पार्टनरशिप में धोखा मिलने के योग बनते है। अष्टम स्थान में शनि मंगल की युति हो तो पाइल्स, भगन्दर, जैसे रोग हो जाते है चोट एक्सीडेंट के योग बनते है। आंखे कमजोर होती है अचानक धन हानि होती है। हड्डी, सर्वाइकल, गठिया, लकवा, गैस जैसी समस्या हो सकती है ब्लड सम्बंधित इन्फेक्शन हो सकता है। नवम भाव में मंगल शनि की युति होने पर भाग्य में रूकावट रहती है मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त नहीं होता है। संघर्ष करके ही सफलता प्राप्त होने के योग बनते है मंगल की दृष्टि बारवे स्थान पर होने के कारण विदेश से लाभ होने के योग बनते है। दशम भाव में मंगल शनि की युति होने पर ऐसा जातक करियर को लेकर भ्रमित रहता है वह अपना करियर चुन नहीं पता है। करियर में समस्या रहती है करियर में स्थिरता नहीं होती है। पिता को स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या रहने के योग बनते है। टेक्निकल फील्ड में करियर के योग बनते है। ग्यारवे स्थान में मंगल शनि की युति लाभ में कमी के योग बनाती है पैरो में समस्या के योग बनाती है बड़े भाई से सम्बन्ध खराब करती है। संतान सुख देर से प्राप्त होता है क्योकि शनि की दृष्टि पंचम भाव पर होती है गर्भापत के योग बनते है। बारवे स्थान पर शनि मंगल की युति व्यर्थ के खर्चे करवाती है और लड़ाई झगड़े के योग बनते है स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या रहती है। कोर्ट केस की सम्भावना रहती है। पैरो में भी परेशानी के योग बनते है। ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर एवं वेद राज कंपलेक्स पुराना आरटीओ चौराहा लाटूश रोड लखनऊ 94150 87711 923 5 722 996